फ़िरोज़ खान, बारां(राजस्थान), NIT; बारां जिला के कस्बानोनेरा ग्राम पंचायत के गांव रानीपुरा सहरिया बस्ती के लोगों को 5 वर्ष से मनरेगा का काम नही मिला है, इस कारण 24 परिवार पलायन करएगए हैं, जो इस समय बारां के पास किसी तालाब में काम कर रहे हैं। बस्ती के मुन्ना, माखन, मालम, चंदा, मुन्नी ने NIT संवाददाता को बताया कि 5 वर्ष से मनरेगा का काम नहीं मिला है। ऊन्होंने बताया कि वर्ष 2006 से ही काम बंद है। इन लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत में कई बार आवेदन भी किये गये, मगर उसके बाद भी इनको काम नही मिल रहा है। इन पांच सालों में मात्र 7 लोगो ने ही काम किया है, जिसका भी समय पर भुगतान नहीं मिला इस कारण 24 परिवार पलायन कर गए। करीब 50 परिवार अभी भी यहां निवास कर रहे हैं। एक तरफ प्रसाशन कहता है कि मनरेगा में लगातार काम दिया जा रहा हैं, वही दूसरी ओर जब इन गाँवो में जाकर जानकारी की तो पता चला की मई 2016 में द्वितीय मस्टरोल में इस बस्ती के 7 श्रमिकों ने काम किया था, जिसका भुगतान आज तक नहीं हुआ है। रामभजन, गीता, कलीराम, बिलासी, रामदयाल, फिरकी,ने तलाई खुदाई का कार्य मई 2016 में किया था, उस मस्टररोल का भुगतान अभी तक नही किया गया है। इसी तरह भोयल पंचायत के गुहाड़ी गांव के करीब 165 मनरेगा श्रमिकों को अभी तक भुगतान नही मिला है। लोगों ने बताया कि पुराना फ़रीदुआ में भी एक वर्ष लोगों को काम नहीँ मिला है। इस संबंध में मनरेगा सहायक कार्यक्रम अधिकारी महिपाल सिंह ने बताया कि इस तरह का मामला मेरी जानकारी में आपके द्वारा ही आया है, अभी एलडीसी को भेजकर प्रपत्र 6 भरवाकर इनको मस्टररोल जारी कर दी जायेगी तथा मेट भी इसी गांव का ही बनाया जायेगा। महिला 5वीं, व् पुरुष 8वीं तक पढ़ा होना चाहिए और जिन लोगों का भुगतान नहीं हुआ है, उनकी सूची मंगवाकर भुगतान करवाया जायेगा।
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