मेहलक़ा अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

उत्तर प्रदेश के हाथरस के ग्राम भूलगड़ी में दलित युवती के साथ गैंगरेप और उसकी दर्दनाक निर्मम हत्या के मामले को लेकर वाल्मीकि संगठन के पदाधिकारियों ने संस्थापक अध्यक्ष उमेश जंगाले के नेतृत्व में विरोध स्वरूप एसडीएम काशीराम बडोले को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा तथा बताया कि ऐसी निंदनीय व अमानवीय घटना के कारण वाल्मिकी समाज ने गहरा रोष व्यक्त किया। ज्ञापन सौंपने के पूर्व पदाधिकारियों ने शिवकुमार प्रतिमा के समीप मृतक युवती को कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। तथा दो मिनट का मौन धारण किया। ज्ञापन के माध्यम से आरोपियों को फांसी देने सहित पीड़िता के परिजनों को एक करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान करने एवं घर के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है। उमेश ने बताया की इस तरह की घटनाओ को वाल्मीकि संगठन कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। यदि इस मामले में आरोपियों पर कडी कार्रवाई नहीं होती है तो वाल्मीकि संगठन के बैनर तले केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश की सरकार के खिलाफ जिले में उग्र आन्दोलन कर प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान सहदेव बोयत, रामचरन बोयत, ताराचंद मेलुन्दे, नितिन संगेले, अर्जुन संगेले, राज चावरे, गंगा चावरे, शशी लोट, मौजूद थे।
वाल्मीकि संगठन ने एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम पुनः ज्ञापन सौंपकर निगमायुक्त का तबादला करने एवं ठेका पद्धति में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की
वाल्मिकी संगठन बुरहानपुर के संस्थापक अध्यक्ष उमेश बंगाली ने बताया कि संगठन की ओर से ने एसडीएम बुरहानपुर काशीराम बडोले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन पुन: सौंपकर निगमायुक्त भगवानदास भुमरकर का तबादला करने सहित ठेका पद्धति में हुए भारी भ्रष्टाचार की जांच कर दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदार पर कार्रवाई करने की मांग की। उमेश जंगल ने बताया कि संगठन द्वारा 23/9/2020 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के खकनार आगमन पर उन्हें भी मांग पत्र सौंप कर निगमायुक्त का तबादला करने की मांग की गई थी, किंतु 8 दिवस बीतने पर भी संगठन के ज्ञापन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। जिसके चलते संगठन ने आज पुनः मांग पत्र सौंपा गया। उमेश जंगाले ने बताया की आयुक्त भगवानदास भुमरकर ने जबसे निगम का कार्यभार संभाला है तब से लेकर आज तक सफाई कर्मियों की एक भी मांग को पुरा नहीं किया है। वह कार्य करने के बजाय हर बार नए बहाने बनाकर समाज के लोगों को टाल-मटोल कर देते है। वह समाज के लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रहे हैं। आयुक्त के कार्यकाल मे ठेका पद्धति (आउट सोर्सिंग) में कर्मियों का खुलेआम शोषण किया जा रहा है जिसमें श्री सांई इंटरप्राईजेस कंपनी के ठेकेदार द्वारा कर्मियो को उनके बैंक खातों मे वेतन डालने के बजाय निर्धारित वेतन से कम वेतन का नगद भुगतान किया जा रहा है। जबकी निगम और ठेकेदार मे हुए अनुबंध के हिसाब से कर्मियो के खातो मे वेतन डालने के नियम है। वह भी कलेक्टर रेट के अनुसार वेतन दिया जाना चाहिए,जो कि नही दिया जा रहा है। यह सब जानते हुए भी आयुक्त ठेकेदार पर कार्यवाही करने के बजाय कर्मियो का खुलेआम शोषण होते हुए देख रहे है। जिससे प्रतीत होता है कि शायद ठेकेदार से भी आयुक्त की सांठगांठ है और उन्हे ठेकेदार की और से कुछ फायदा दिया जा रहा होंगा जिसकी उच्च अधिकारियों से जांच होना चाहिए। निगम द्वारा 50 प्रतिशत कर्मियो को कार्य से हटा दिया है ऐसे में उन पर रोज़ी रोटी का संकट आन पड़ा है, उन सभी कर्मियो को तत्काल निगम की नौकरियों में भर्ती दी जाये। वर्षो से जिन क्वाटरो में सफाई कर्मी निवासरत है उन्हे आज भी भूमि मालिकाना हक नही दिया गया है। जब कि उनके मकान जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं और कई बार इनमे बडी घटनाए भी घट चुकी हैं। उन्हे मालिकाना हक दिया जाए। वाल्मिकी समाज का 50 लाख का सामुदायिक भवन एमआईसी की बैठक में स्वीकृत हो चुका है जिसको आयुक्त द्वारा जानबूझकर बनाकर नहीं दिया जा रहा है। समाज के लोगों को सामुदायिक भवन बनाकर दिया जाये। इस दौरान संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे।
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