वाल्मिकी संगठन ने मुख्यमंत्री के खकनार आगमन पर निगम आयुक्त का तबादला करने सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा व विधानसभा का घेराव कर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी | New India Times

मेहलका अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

वाल्मिकी संगठन ने मुख्यमंत्री के खकनार आगमन पर निगम आयुक्त का तबादला करने सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा व विधानसभा का घेराव कर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी | New India Times

नेपानगर उपचुनाव के परिपेक्ष में खकनार में एक दिवसीय दौरे पर आये प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को वाल्मिकी संगठन ने मांग पत्र सौंपकर नगर पालिक निगम बुरहानपुर के आयुक्त भगवानदास भुमरकर का तत्काल तबादला करने सहित अन्य मांग की।

वाल्मिकी संगठन ने मुख्यमंत्री के खकनार आगमन पर निगम आयुक्त का तबादला करने सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा व विधानसभा का घेराव कर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी | New India Times

संस्थापक अध्यक्ष उमेश जंगाले ने बताया की संगठन के पदाधिकारियों ने मांगो को लेकर निगम आयुक्त को अनगिनत बार लंबित मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है, किंतु आयुक्त ने जबसे निगम का कार्यभार संभाला है तब से लेकर आज दिनांक तक सफाई कर्मियों की एक भी मांग को पूरा नहीं किया। वह कार्य करने के बजाय हर बार नए बहाने बनाकर समाज के लोगों को टाल-मटोल कर देते हैं इससे प्रतित होता है कि आयुक्त वाल्मिकी समाज के लोगों का विकास होता हुआ देखना नहीं चाहते हैं और समाज के लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रहे हैं जिसका वाल्मिकी संगठन कड़ा विरोध कर निंदा करता है। वर्षों से जिन क्वाटरों में सफाई कर्मी निवासरत हैं उन्हें आज भी भूमि का मालिकाना हक नहीं दिया गया। जबकी उनके मकान जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं और कई बार इनमें बडी घटनाएं भी घट चुकी हैं। आयुक्त ने समाज जनों को शासन का हवाला देते हुए रिटायर कर्मियों को भी उनके क्वाटरों का मालिकाना हक देने से इंकार कर दिया है। जबकी वह वर्षों से उन्हीं जर्जर मकानों में निवास कर रहे हैं। आयुक्त के कार्यकाल में ठेका पद्धति (आउट सोर्सिंग) में कर्मियों का खुलेआम शोषण किया जा रहा है जिसमें श्री सांई इंटरप्राईजेस के ठेकेदार द्वारा कर्मियों को उनके बैंक खातों में वेतन डालने के बजाये निर्धारित वेतन से कम वेतन का नगद भुगतान किया जा रहा है। जबकी निगम और ठेकेदार में हुए अनुबंध के हिसाब से कर्मियों के बैंक खातों में वेतन डालने के नियम है। वह भी कलेक्टर रेट के अनुसार वेतन दिया जाना चाहिए जो की नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदार ने कर्मियों को गुलाम बनाने हेतु स्वयं के बनाए नियमों का फार्म बनवा कर जबरन सफाई कर्मियों से फार्मों पर हस्ताक्षार करवा कर उन पर कम रुपयों में कार्य करने का दबाव बना रहा है। कई सफाई कर्मचारी जो वास्तव में कार्य नहीं कर रहे हैं उनके नामों की फर्जी तरीके से हाजरी भर कर उनका वेतन निकाला जा रहा है। यह सब जानते हुए भी आयुक्त ठेकेदार पर कार्यवाही करने के बजाये कर्मियों का खुलेआम शोषण होते हुए देख रहे हैं। जिससे प्रतीत होता है कि शायद ठेकेदार से भी आयुक्त की सांठगांठ है और उन्हें ठेकेदार की ओर से कुछ फायदा दिया जा रहा है जिसकी उच्च अधिकारियों से जांच होना चाहिए। जंगाले ने कहा कि हमारी मांग है की ठेका बंद कर समाज के जो लोग बडी संख्या में बेरोजगार घूम रहे हैं उनको स्थाई नौकरियों में सीधी भर्ती दी जाये क्योंकि ठेके में कर्मियों का भविष्य अधर में है। वाल्मिकी समाज का 50 लाख का सामुदायिक भवन एमआईसी बैठक में स्वीकृत हो चुका है जिसको आयुक्त द्वारा जानबूझकर बनाकर नहीं दिया जा रहा है। भवन न होने के कारण समाज के लोगों को शुभ प्रसंग अवसरों पर प्राइवेट भवनों में कार्यकम करवाना पड़ रहा है जिसका भारी भरकम खर्च गरीब तबके लोगों को अपने पास से वहन करना पड रहा है। जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं और जिन कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है उनको घर में अनुकंपा एवं घर प्रथा कि नौकरियों में भर्ती नहीं दी जा रही है। उनके परिजनों को भी तत्काल नौकरियों पर रखा जाए। उमेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि आयुक्त भगवानदास भुमरकर के कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास योजना में जमकर भारी भ्रष्टाचार हुआ है जिसमें कई अपात्र फर्जी लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है जिसकी जांच उच्च अधिकारियों से करवाकर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। निगमायुक्त के रहते यहाँ सफाई कर्मी सहित अन्य कर्मचारियों को चार-चार माह का वेतन नहीं दिया जा रहा है। इनके कार्यकाल में बिजली बिल समयावधि में नहीं भरने के कारण निगम कार्यालय की कई बार बिजली काटी जा चुकी है। इनके होते हुए शहर में कई जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। उमेश ने मांग की कि आयुक्त भगवानदास भुमरकर से निगम का कार्यभार सही तरह से नहीं संभाला जा रहा है। जिस हेतु आयुक्त का तबादला होना अत्यंत आवश्यक है। संगठन पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से कहा की यदि उनकी मांगों का जल्द निराकरण नहीं होता है तो वह विवश होकर जल्द ही भोपाल आकर विधानसभा एवं मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन कर प्रदर्शन करेंगे और साथ ही चक्का जाम भी करेंगे।

ज्ञापन में की गई मांगें

  1. नगर पालिक निगम आयुक्त भगवानदास भुमरकर का तत्काल तबादला किया जाये।
  2. ठेका पद्धति (आउटसोर्सिंग) को बंद करके बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरियों में सीधी भर्ती दी जाए।
  3. वाल्मीकि समाज के रिटायर कर्मी सहित सभी 176 पात्र हितग्राहियों को उनकी भूमि का मालिकाना हक दिया जाए।
  4. समाज के स्वीकृत 50 लाख का सामुदायिक भवन तत्काल बनाकर दिया जाए।
  5. रिटायर कर्मी एवं मृतक कर्मियों की डूब में जा रही अनुकंपा एवं घर प्रथा की नौकरी में उनके परिजनो को सीधी भर्ती दी जाए।

Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading