अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के उप कुलसचिव सुनील खरे को बचाने के लिऐ विश्वविद्यालय से मंत्रालय, राजभवन तक शिक्षा माफिया जुटे हुऐ हैं। आखिर भ्रष्टाचार में पूर्ण तरीके से लिप्त सुनील खरे को बचाने के पीछे शिक्षा माफिया की मंशा क्या है? क्या उनकी फर्जी दुकानें बंद हो गईं या होने वाली थी?
मंगलवार को भ्रष्टाचार के चलते चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के मौखिक आदेश पर कुलसचिव डॉ संजय तोतडे द्वारा उप कुलसचिव सुनील खरे की सेवाएं तत्काल प्रभाव से उनके मूल उच्च शिक्षा विभाग को सौंप दी गई थी।
एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय से भ्रष्ट उप कुलसचिव सुनील खरे को हटाने के बाद में सुनील खरे को दोबारा नियुक्त किए जाने के लिए शिक्षा माफियाओ ने राजभवन से लेकर मंत्रालय विश्वविद्यालय में हस्तक्षेप करते हुए सुनील खरे को बचाने का पूरा प्रयास किया और वह अपने प्रयास में सफल भी हो गये क्या मध्य प्रदेश के शिक्षा माफिया के आगे सरकार ओर राजभवन बेबस और लाचार है।
रवि परमार ने कहा कि अगर सुनील खरे के ऊपर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो एनएसयूआई उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होगी क्योंकि सुनील खरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद से शिक्षा माफियाओं ने सुनील खरे को बचाने के लिए कुबेर के खजाने खोल दिए।
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