क्यों नहीं लाने दिया बट्टी का पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को लिख पत्र | New India Times

आसिम खान, ब्यूरो चीफ, छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:

क्यों नहीं लाने दिया बट्टी का पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को लिख पत्र | New India Times
फाइल फोटो

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं छिंदवाड़ा विधायक श्री कमलनाथ ने भारतीय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अध्यक्ष एवं अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री मनमोहन शाह बट्टी के दुखद निधन पर गहन संवेदनाएं व्यक्त करते हुए एक  पत्र के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपनी भावनाओं से अवगत कराया।

श्री कमलनाथ ने अपने पत्र में सर्व प्रथम प्रदेश के मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमण से  मुक्त हो जाने एवं पूर्ण स्वस्थ होने की आशा व्यक्त करते हुए पूर्व विधायक स्वर्गीय बट्टी की कोरोना संक्रमण से हुई मौत एवं उसके उपरांत घटित घटनाक्रम का अपने पत्र में उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व विधायक की मृत्यु के उपरांत जो कुछ भी घटित हुआ है वह जिले व प्रदेश की अनुसूचित जनजाति  की भावनाओं पर गहरा प्रहार है और यह अत्यंत दुखद है।

 पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह से अपने पत्रके माध्यम से कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं स्वर्गीय श्री बट्टी एवं उनकी कार्यशैली से भली भांति परिचित रहे हैं और निश्चित ही भोपाल में उपचार के दौरान पूर्व विधायक के निधन की सूचना भी उन्हें तत्काल ही मिल गयी होगी। स्वर्गीय बट्टी के परिजनों ने उनका पार्थिव शरीर उनके निज निवास छिंदवाड़ा जिले के ग्राम देवरी में ले जाने का निर्णय लिया, इस हेतु स्वयं मैंने भी उच्च अधिकारियों से चर्चा कर स्वर्गीय बट्टी की पार्थिव देह को उनके गृहग्राम ले जाने के लिये एम्बुलेंस की व्यवस्था भी करवाई परन्तु मुझे इस बात  का दुख है कि अंतिम समय में आप की सरकार द्वारा नियमों का हवाला देते हुये उच्च अधिकारियों ने स्वर्गीय बट्टी का पार्थिव शरीर भोपाल से बाहर नहीं ले जाने दिया, यह घटना भी मेरे लिये दुखद है।

श्री कमलनाथ ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया कि मृत्यु उपरांत स्वर्गीय बट्टी के पार्थिव शरीर का उनकी मातृभूमि में सामाजिक रीति रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार न होना मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजाति की भावनाओं  पर गहरा प्रहार है। श्री कमलनाथ ने अपने पत्र में यह आशा व्यक्त की है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उनकी इस भावनाओं को समझेंगे।


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