अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राजस्व न्यायालय में लगने वाली कोर्ट फ़ीस को अचानक 5 गुना बढ़ा देने के कारण आवेदको एवं पक्षकारों सहित अधिवक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
राजस्व अधिवक्ता कल्याण परिषद के अध्यक्ष सैयद खालिद कैस ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के कारण सभी व्यवसाय ध्वस्त हो चुके हैं, लोगों के समक्ष आर्थिक संकट व्याप्त हैं ऐसे स्थिति में शिवराज सरकार ने कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन अवधि में चुपके से एक अधिसूचना जारी कर राजस्व न्यायालय में लगने वाली कोर्ट फ़ीस को अचानक 5 गुना बढ़ा दिया है जिसका सीधा प्रभाव काश्तकारों, पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं पर पड़ा रहा है।
सैयद ख़ालिद कैस ने NIT सवांददाता को बताया कि मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग ने 27 जुलाई 2020 को एक आदेश पारित कर भू राजस्व संहिता (राजस्व न्यायालयों की प्रकिया) नियम 2019 के अन्तर्गत मामले /मूल आवेदन की प्रस्तुति एवं फ़ीस संबंधी दिशा निर्देश जारी कर समस्त कलेक्टर्स को आदेशित किया गया है। उक्त आदेश -5(1) (121) के अनुसार फ़ीस बढ़ाई गई है जबकि राज्य सरकार की 24/7/20 की अधिसूचना अनुसार धारा 35 के अन्तर्गत राजस्व न्यायालय या राजस्व अधिकारी या राजस्व मण्डल के समक्ष प्रस्तुत किए गये आवेदन, अपील, ज्ञापन या याचिका पर देय न्यायालय शुल्क से छूट प्रदान की है।
उक्त आदेश -5(2) में प्रति प्रकरण 100/-प्रति प्रकरण निर्धारित की है जो चालान के रुप में जमा होगी।
श्री कैस ने कहा कि न्यायालयों में लगने वाले आवेदनों, अपील प्रकरणों की कोर्ट फीस में 5 गुना की बढ़ोतरी की है जो फ़ीस लॉक डाउन से पहले 10/20रूपये के न्यायालय शुल्क के रूप में जमा होती थी अब सीधे रुपए 100/-का चालान के माध्यम से जमा होगा। इस प्रकार बढ़ी हुई फ़ीस के कारण आवेदकों एवं पक्षकारों सहित अधिवक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश के माध्यम से यह निर्देशित किया गया है कि ₹100 के चालान की राशि लोक सेवा केंद्र के माध्यम से चालान की शक्ल में जमा करने पर ही आवेदनों एवं अपीलों को स्वीकार करेंगे। ₹100 राशि के चालान जमा करने की इस प्रक्रिया के कारण पक्षकारों एवं राजस्व संबंधी प्रकरणों की वकालत करने वाले अधिवक्ताओं को पहले से अधिक परेशानी से गुजरना पड़ रहा है।
इस समय लोक सेवा केंद्रों में सर्वर डाउन व अन्य कारणों से ऑनलाइन चालान जमा नहीं होने से भी लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण काल में बिना किसी उचित कारण के राजस्व न्यायालय वाले लगने वाले आवेदनों एवं अपील प्रकरणों की फीस बढ़ाने से असुविधा का माहौल निर्मित हो गया है।
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