कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; यहां की ज़िला कारागार में मोबाइल मिलने की घटना घटी थी जिसे जेलर द्वारा दबाने का आरोप लगा था। “NIT” द्वारा इस मामले को प्रमुखता से उठाने के बाद राज्य के जेल विभाग में खलबली मच गई थी। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए नागपुर परिक्षेत्रीय डीआईजी योगेश देसाई के आदेश पर आज 2 सदस्य जांच टीम नागपुर से बुलढाणा जेल पहूंची, जिसने जेल के भीतर तकरीबन 8 घंटे तक मामले की जांच की।
ज्ञात हो कि 1 मई की सुबह में बुलढाणा जेल की महिला बैरक में मोबाइल व नकद एक हज़ार रुपए मिले थे, जिस से पूरा बुलढाणा जेल प्रशासन दहल गया था। यह बात बुलढाणा के जेलर आशीष गोसावी के पास जाने के बाद उन्होंने घटना की रिपोर्ट तैयार की और उसी रात अपने कर्मी को नागपुर डीआईजी कार्यालय के लिए रवाना किया था। आरोप के मुताबिक जिस महिला कर्मी का ये मोबाइल था उसके और जेलर के बीच में सेटलमेंट होने के बाद नागपुर भेजे गए कर्मी को डीआईजी कार्यालय जाने से रोकते हुए उसे वापस बुलढाणा बुला लिया गया था और इस मामले को पूरी तरह से जेलर गोसावी ने दबा दिया था किन्तु “NIT” ने सच्चाई से परदा उठाते हुए इस मामले को जनता के सामने लाया। उधर नागपुर में बैठे डीआईजी योगश देसाई भी यह गंभीर मामला सुनने के बाद अचंबित हो गए थे और उन्होंने ने तत्काल घटना की जांच का आदेश जारी कर दिया था। आज 6 मई को सुबह नागपुर डीआईजी कार्यालय के अधिकारी पी.आर.सांगले व प्रशांत गज्जलवार बुलढाणा जेल में आधमके जिसके बाद बुलढाणा का पूरा जेल प्रशासन हिल गया। जेल में मिले मोबाइल की घटना का बारीकी से इस टीम ने मुआयना किया और जेल में लगे सीसीटीवी फुटेज भी देखे। सूत्रों से पता चला है कि यह मामला सिसिटीवी फुटेज में स्प्ष्ट नज़र आ रही है कि, 1 मई की सुबह में ड्यूटी पर आई महिला कर्मी दीपिका वानखेड़े जेल की महिला बैराक में से निकली जिसके हात में मोबाइल है और वो मोबाइल उसने मुख्य द्वार की ड्यूटी पर तैनात कर्मी के सुपुर्द किया था.इस दौरानीस टीम ने कई कर्मियों के ब्यान भी दर्ज किये हैं। यह जांच कार्य सुबह 9 से शाम 5 बजे तक यानी करीब 8 घंटे तक चला। जेल की चार दिवारी के भीतर की गई इस जांच में अब किस कर्मी ने क्या ब्यान दिया होगा ये तो आनेवाला समय ही बताएगा किन्तु यह बात तो तय है कि अपने वरिष्ठों से इतनी गंभीर घटना को छुपाने वाले जेलर आशीष गोसावी के ऊपर तलवार लटक रही है। अब देखना यह है कि वरिष्ठ अधिकारी कौनसा कदम उठाते हैं?
- कोट
असज सुबह बुलढाणा जेल में पहोंच कर हम ने घटना की जांच आरंभ की है.इस दौरान कुल 7 कर्मियों के बयान भी लिए गए है और जेल में लगे सिसिटीवी केमेरे भी देखे है.अब ये जांच की रिपोर्ट तैयार कर इसे नागपुर डीआईजी कार्यालय को सौंप दिया जाएगा और अगली भूमिका वरिष्ठों की रहेगी : पी.आर.सांगले दक्षता पथक व जेल अधिकारी,नागपुर।
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