वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
मोहम्मदी वन रेंज की चौकी वेलहरी जो कि अति संवेदनशील एरिया मे आती है वह आये दिन बंद रहती है।
ग्रामीणों के अनुसार जब से वन बीट अधिकारी मिठाई लाल की चौकी बेलहारी पर पोस्टिंग हुई है तब से वह कभी कभार ही आते हैं जिसके चलते लकड़कट्टों की पौ बारह हो रही है। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश की सरकार के मंशानुसार कुछ प्रतिबन्धित प्रजातियों के बृक्ष जो कि छुट के दायरे में कर दिये गये थे जिसकी आड़ में फारेस्ट विभाग की मिलीभगत के चलते अन्य पेड़ों पर भी बेखौफ होकर आरा चला कर हरियाली का नामों निशान मिटाने पर तुले हुये हैं। सूत्र बताते हैं कि जब से महेशपुर क्षेत्राधिकारी मोबिन आरिफ का तबादला होकर आया है तब से कुछ फारेस्ट कर्मचारियों को अभय दान प्राप्त है और बेखौफ होकर हरियाली का सफाया कर रहे हैं। यदि किसी भी मामले में कोई भी शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुंच जाती है तो उन अधिकारियों को भी मिस गाइड कर लकड़ कट्टों से भारी भरकम जुर्माना वसूल कर अपनी जेबें भरने का कार्य करते हैं।
अब जहां एक ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर करोड़ों की संख्या में प्रत्येक जिले में वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा गया है और 1 जुलाई से 7 जुलाई तक वन महोत्सव के तहत लगभग लाखों की संख्या में प्रत्येक ग्राम सभाओं में वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा गया है और वृक्ष लगाए भी जा रहे हैं लेकिन महेशपुर रेंज का माजरा तो दूसरा ही नजर आ रहा है यह शायद लगाने का नहीं वृक्ष कटाने का अलग साबित हो रहा है यदि अति शीघ्र ही विभागीय अधिकारियों द्वारा ऐसे वन क्षेत्राधिकारी पर अंकुश नहीं लगाया जाता है तो वह दिन ज्यादा दूर नहीं है जब यह धरा वॄक्ष विहीन हो जाएगी और लोग वृक्ष की छाया में वक्त गुजारना किताबों की कहानियों में सिमट कर रह जाएगा।
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