अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; राजधानी भोपाल की 23वीं बटालियन में पदस्थ डीएसपी शिवजी ओझा ने नीलबढ़ स्थित अपने एक प्लाट पर मकान समेत बाउंड्री वाल का निर्माण एक प्राइवेट ठेकेदार से करवा तो लिया मगर पेयमेंट देने से साफ इंकार कर दिया। जब ठेकेदार ने अपनी मेहनत की कमाई डीएसपी से मांगी, तो डीएसपी ने उसे अपने पद का रुआब दिखाते हुए धमकी तक दे डाली। पीड़ित ठेकेदार सुरेन्द्र शाही ने आज गुरुवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में यह गंभीर आरोप लगाए हैं।
ठेकेदार सुरेन्द्र शाही ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 23वीं बटालियन में पदस्थ डीएसपी शिवजी ओझा ने उनसे बीती 25 मई 2013 को नीलबढ़ स्थित लेक व्यू कॉलोनी के एक प्लाट में मकान निर्माण का काम शुरु करवाया था। उनके और डीएसपी के बीच मौखिक रूप से मकान निर्माण का काम 950 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से किए जाने पर सहमति बनी थी।
उन्होंने फरवरी 2016 में मकान का काम पूरा कर दिया। उनके द्वारा 1410 वर्ग फुट पर निर्माण किया गया था, जिस पर 950 रुपए वर्ग फुट की दर से कुल 13 लाख 39 हजार 500 रुपए का बिल बना था। सुरेन्द्र शाही का कहना है कि डीएसपी ओझा ने इस बिल की 12 लाख 50 हजार रुपए राशि का भुगतान चैक के माध्यम से कर दिया था। शेष 89 हजार 500 रुपए का भुगतान डीएसपी द्वारा नहीं किया गया। जब उन्होंने बिल के पिछले 89 हजार 500 रुपए और बाउंड्री वाल के 7 लाख 85 हजार 700 रुपए डीएसपी ओझा से मांगे, तो उन्होंने पैसे देने से इंकार कर दिया। पैसों की बात को लेकर डीएसपी ओझा अपने पुलिस पद की धमकी देने लगे।
सुरेन्द्र शाही का कहना है कि उन्होंने डीएसपी ओझा की शिकायत पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से की है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। यदि पुलिस अधिकारियों ने उनकी मदद नहीं की, तो वह भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.