पीयूष मिश्रा, सिवनी ( मप्र ), NIT; पंचायत द्वारा मूलभूत एवं पंचायत निधि से बाल उघान फरवरी 2007 में श्रीमती नीता पटैरिया सांसद की मुख्य अतिथ्य में व श्रीमती शशि ठाकुर विधायक की अध्यक्षता मे सरपंच कलीराम भारती सरपंच की उपस्थिती में लाखों रुपये की लागत से श्री गणेश करते हुए उघान बनाया गया था। शुरूआती दौर से निवादित रहा, जैसे तैसे उद्यान को दुसरे की भूमि में पंचायत ने लाखों रुपए की लागत से बना तो डाला लेकिन दस वर्ष पूरे होने के बाद भी जिस उद्देश से बनाया गया अब तक उस की पूर्ति नहीं की गयी, बल्कि देख रेख के अभाव में लाखों की लागत से बने उधान की धज्जियां उडाने में पंचायत ने कोई कमी नहीं छोडी। भारी भरकम लोहे का गेट, बच्चों के खेलने की विभिन्न सामग्री, लोहा झूला व अन्य सौंदर्य करण के साधन वहां पर लगाये व बनबाये गये थे जो देखरेख के अभाव व पंचायत की लापरवाही से सारी कीमती सामाग्री चोरो के हाथ लग गयी सिवाय लोहे के गेट को छोड़कर। समय रहते ध्यान न दिया गया तो उद्यान की निशानी के तौर पर जो गेट बचा हुआ है वो भी चोरों के हाथ लगते देर नहीं लगेगी। उक्त उद्यान की भूमि में कुछ लोगों द्वारा कुछ माह पहले कब्जा किया जा रहा था तो पंचायत के आला अधिकारी के साथ राजस्व अमला भी सक्रिय हुआ और कब्जा हटवाया गया लेकिन जब बीटीआई के ग्राउंड उत्कृष्ट विधालय के पीछे कि जो भूमि संबंधित विद्यालय के नाम थी तो पंचायत द्वारा उसी स्थान पर बाल उद्यान निर्माण कार्य क्यों करवाया ? बाल उद्यान बनते समय विद्यालय द्वारा आपत्ति क्यों नहीं लीईगई। जब उद्यान बन गया देख रेख के अभाव में चोरों की चांदी हो गयी। लोहे के गेट छोड बाल उद्यान की एक एक वस्तुएं चोरी कर ली गयीं। पंचायत तो बनाकर भूल गई। एक माह भी ठीक से देखरेख नहीं की। लगभग 10 वर्ष बीत जाने के बाद , बाल उद्यान को विद्यालय ने गेट के सामने गेट लगाकर बाउंड्री वाल बना कर कैद कर दिया। वहीं देखा जाये तो आस पास के लोग गंदगी फैलाने में कमी नहीं कर रहे हैं। लाखों की योजना जंग खा रही है, पंचायत ने नहीं दिया ध्यान मामला छपारा ग्राम पंचायत का डुगरिया वार्ड में बना था बाल उद्यान।
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