शारिफ अंसारी, भिवंडी/मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:
करोना महामारी भिवंडी की राजनीति का केंद्रीय बिंदु बनता जा रहा है। एक तरफ शहर में लाशों के ढेर लगते जा रहे हैं और मृतकों के लिए कब्रिस्तान में जगह कम पड़ती जा रही है वहीं दूसरी तरफ शहर की राजनीति कई तरह से गर्म होती जा रही है। लॉकडाउन की मार से आर्थिक तौर पर टूट चुकी भिवंडी की जनता सरकार की तरफ से लाॅकडाउन में दी गई छूट में अपनी आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने का प्रयास कर रही थी कि मनपा प्रशासन की तरफ से 18 जून से 15 दिनों का लाकडाउन करने का प्रस्ताव सर्व सहमति से मनपा महासभा में पारित किया गया है । इस प्रस्ताव को एमआईएम अध्यक्ष खालिद गुड्डू ने पूरी तरह से अवैध बताया है और मनपा आयुक्त से मांग की है कि इस प्रस्ताव को रद्द दिया जाए। खालिद गुड्डू ने महापौर और आयुक्त पर आरोप लगाते हुए ज्ञापन में लिखा है कि करोना महामारी के इस दौर में कोरंटाइन सेंटर और इंदिरा गांधी अस्पताल में भारी भ्रष्टाचार की वजह से शहर में एक के बाद दूसरी मौतें हुई है और जनता में मनपा के खिलाफ असंतोष, दु: ख और संताप पैदा हुआ है इसी दृष्टि से जनता का ध्यान हटाने के लिए मनपा ने 90 नगरसेवकओं मैं से सिर्फ 30 से 35 नगरसेवकओं को नोटिस देकर 16 जून को महासभा में बुलाया जबकि कानूनी रूप से विशिष्ट सभा के लिए दो तिहाई मतलब 60 नगरसेवकओं की उपस्थिति अनिवार्य थी और इन 30 से 35 नगरसेवकओं की उपस्थिति में 18 जून से लॉकडाउन शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया गया जब के इसका अधिकार सिर्फ केंद्रीय और राज्य सरकार को हासिल है इन्होंने आरोप लगाया के इस सभा में पूर्व महापौर जावेद दल्वी को भी बुलाया नहीं गया था जिसकी शिकायत इन्होंने लिखित तौर पर आयुक्त को दी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कुछ दिनों पहले ही यह घोषणा की थी के राज्य में अब लॉकडाउन नहीं होगा इसके बावजूद अपने अधिकारों का अवैध रूप से उपयोग करते हुए मनपा के अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने लॉकडाउन का प्रस्ताव पारित किया है । जिसके लिए अनुपस्थित नगरसेवकओं की जाली हस्ताक्षर और जाली दस्तावेज उपयोग की भी खबरें हैं खालिद गुड्डू ने मनपा को चेतावनी दी है कि 24 घंटे में इस प्रस्ताव को वापस ना लेने की स्थिति में मैं 22 जून सोमवार के रोज 3:00 बजे भिवंडी की सभी जनता को लेकर आंदोलन किया जाएगा इस आंदोलन के बारे में महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी जानकारी दी गई है खालिद गुड्डू ने पत्रकारों को बताया कि मनपा अधिकारी और प्रशासन शुरू से ही करोना के खिलाफ जंग में विफल साबित हुए हैं लोगों की मौत पर भ्रष्टाचार और राजनीति करने वाली भिवंडी मनपा क्या केंद्रीय और राज्य सरकार से भी उच्चतर है के महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम 1949 का खुल्लम खुला उल्लंघन किया जा रहा है है । इसलिए इन्होंने धारा 452 के तहत महाराष्ट्र सरकार से इसे रद्द करने की मांग की है।
इसी के साथ खालिद गुड्डू ने भिवंडी के डीसीपी राजकुमार शिंदे से लिखित ज्ञापन में मांग की है कि मनपा के महापौर और आयुक्त ने जिस तरह से जाली हस्ताक्षर और जाली दस्तावेज का उपयोग करके अवैध प्रस्ताव पारित कराया है इसके खिलाफ जांच करके भारतीय दंड संहिता विधान की धारा 166 , 166 (अ) , 167 , 191 , 192 , 198 , 199 , 200 , 464 , 466 , 468 , 470 के तहत इन पर कानूनी कार्यवाही की जाए भिवंडी की जनता करोना महामारी के इस राजनीतिक भूकंप मैं छक्के और पंजे का शिकार है देखिए अब ऊंट किस करवट बैठता है।
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