शारिफ अंसारी, भिवंडी/मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:
भिवंडी शहर एक तरफ कोरोना महामारी के चपेट में है जिसे लेकर महासभा में इसके निदान के लिए शहर को 15 दिनों तक लॉकडाउन करने का प्रस्ताव पारित किया जा रहा है जबकि दूसरी तरफ प्रशासन की लापरवाही की वजह से शहर में लाशों का ढेर लगता जा रहा हैं।
गौरतलब हो कि स्वर्गीय इंदिरा गांधी अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल की स्थिति देकर मनपा प्रशासन ने इसे अपने नियंत्रण में लेकर करोना के मरीजों के उपचार हेतु 100 बेड विशिष्ट किया है लेकिन अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से 3 से 4 घंटे में मरीज मौत का शिकार हो जाता है। अस्पताल प्रशासन मरीज की नेगेटिव या पॉजिटिव रिपोर्ट ना दर्शा कर परिजनों को सिर्फ इनकी लाश थमा देते हैं जबकि इस से पहले कोरोना पीड़ित मरीजों की लाश जे जे अस्पताल से पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही परिजनों को दी जाती थी मगर अब वैद्यकीय अधिकारी सिर्फ इनकी मौत को करोना से जोड़ कर करोना मरीजों की तादाद में बढ़ोतरी कर रहे हैं। इंदिरा गांधी अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी इस लापरवाही की वजह से भिवंडी की जनता का सरकारी अस्पताल से भरोसा उठ गया है जिसे लेकर जनता में भारी आक्रोश फैल रहा है जो किसी भी मामले में फूट सकता है। मनपा प्रशासन की इस लापरवाही और मौत के खेल की वजह से जनता का आंदोलन शहर के कानून व्यवस्था को कभी भी बिगाड़ सकता है। अपने उच्च अधिकारियों के इस आपराधिक व्यवहार को देखते हुए आईजीएम अस्पताल का मेडिकल स्टाफ और एम्बुलेंस चालक भी भ्रष्टाचार में शामिल हो रहे हैं। इंदिरा गांधी अस्पताल से मृतक की लाश घर या कब्रस्तान तक ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक 5 से 8 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं। इस तरह की अनैतिक और अमानवीय कृत्य मनपा प्रशासन के नाक के नीचे अंजाम दी जा रही है।
इसी क्रम में भिवंडी के डी.सी.पी. राजकुमार शिंदे को शिकायती पत्र में एमआईएम अध्यक्ष खालिद गुड्डू ने मांग की है कि शहर में इन दिनों जिस तेजी से कोरोना महामारी का फैलाव हुआ है और मरीज इंदिरा गांधी अस्पताल में भर्ती होने के बाद लाशों के ढेर में बदलते जा रहे हैं और मनपा प्रशासन और वैद्यकीय स्टाफ पूरी तरह से नाकाम हो चुका है। अधिकारियों की इस लापरवाही की बुनियाद पर भारतीय दंडसंहिता की धारा 299, 304 (अ), 308 व 34 के साथ महाराष्ट्र साथरोग प्रतिबंधक अधिनियम 1897, महाराष्ट्र कोविड-19 उपाययोजना 2020 की धारा 11 के तहत मनपा आयुक्त और वैद्यकीय अधिकारी को इन सभी मौतों का जिम्मेदार ठहराते हुए इन पर एफआईआर दर्ज करके इन सभी मौतों की कड़ी जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए। एमआईएम अध्यक्ष खालिद गुड्डू ने डीसीपी राजकुमार शिंदे से मांग की है कि इन दिनों में जिस तरह से राजकुमार शिंदे ने जनता के बीच अपनी एक अच्छी छवि बनाई है और जनता का भरोसा जीता है इस को कायम रखते हुए वह मनपा आयुक्त और वैद्यकीय अधिकारी पर कानूनी शिकंजा कसते हुए शहर की जनता को इंसाफ दिलाएंगे।
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