कभी वीरान थी पहाड़ी अब छाई हरियाली, कलेक्टर ने देखे कार्य तो बोले वेल्डन | New India Times

पंकज शर्मा, ब्यूरो चीफ, धार (मप्र), NIT:

कभी वीरान थी पहाड़ी अब छाई हरियाली, कलेक्टर ने देखे कार्य तो बोले वेल्डन | New India Times

धार जिला कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने आज जिला पंचायत द्वारा मनरेगा में किए जा रहे कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ज्ञानपुरा और गंगा महादेव मंदिर परिसर में किए जा रहे कार्य को देखा और बोले वेल्डन। कलेक्टर ने मजूदरों से चर्चा कर मजदूरी के भुगतान की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि गड्ढों से निकली मिट्टी पर दीनानाथ ग्रास लगाई जाए। इस दौरान उन्होंने पौधा रोपण भी किया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी संतोष वर्मा साथ थे।

कभी वीरान थी पहाड़ी अब छाई हरियाली, कलेक्टर ने देखे कार्य तो बोले वेल्डन | New India Times

ज्ञात रहे कि वर्षों से वीरान पड़ी ज्ञानपुरा पहाड़ी को नया रूप देने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला पंचायत ने ठीक एक साल पहले काम शुरू किया था, कंटूर ट्रेंच, सीपीटी, निर्मल तीर, गली प्लग और कई तरह की योजना का साकार परिणाम यह रहा कि अब तक इस पहाड़ी पर पांच हजार पौधों का रोपण किया जा चुका है जबकि पांच हजार और प्रस्तावित हैं। एक और बड़ी बात यह सामने आई की पहाड़ी को नया रूप देने के लिए मनरेगा योजना के तहत हजारों मजदूरों को काम मिला, जिससे वह खुश हैं।

कभी वीरान थी पहाड़ी अब छाई हरियाली, कलेक्टर ने देखे कार्य तो बोले वेल्डन | New India Times
  • 11 जून 2019 को कार्य प्रारंभ
  • पांच हजार पौधों से सजी पहाड़ी
  • 1500 कंटूर
  • पौधों को पानी देने के लिए एक तालाब का जीर्णोद्धार
  • एक निर्मल तीर का कार्य जारी
  • 200 गली प्लग
  • नौ हजार लोगों को मिला काम
  • एक मूरांकल पौड प्रस्तावित
  • एक सीपीटी प्रस्तावित सरदारपुर जनपद की सुल्तानपुर ग्राम पंचायत का रमणीय और धार्मिक स्थल है गंगा महादेव. यहां पहाड़ी की तलहट में बिराजे महादेव का पहाड़ी से गिरता झरना अनवरत अभिषेक करता रहता है. इस पहाड़ी को सुंदर और सुरम्य बनाने के लिए प्रशासन के मार्गदर्शन में जिला पंचायत ने कुछ समय पूर्व बड़े स्तर पर पौधारोपण किया. कंटूर से निकलते छोटे पौधों से पहाड़ी अब अपनी सुंदरता पर इठलाती नजर आ रही है. यहां लगे पौधों को पानी देने के लिए 50 हजार लीटर पानी का लाइनर पॉन्ड बनाया गया है. जबकि पौधों को पानी देने के लिए फव्वारों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. दो चौकीदार पौध रक्षक बनकर दिन-रात पौधों की सेवा कर रहे हैं. इसके अलावा गंगा महादेव कुंड और वहां के परिसर को सुंदर बनाने जल संरक्षण के लिए दो बोल्डर चेक डेम बनाए गए हैं।
    फैक्ट फाइल
  • 750 पौधे लगाए, जबकि एक हजार और प्रस्तावित
  • पौधों की बॉर्डर के लिए 180 बांस के पौधे लगाए
  • 500 कंटूर
  • 50 बादाम के पौधै
  • 350 मनरेगा कर्मियों को मिला रोजगार
  • पहाड़ी पर लगे पौधों में जाम कनेर कटहल फूल आदि शामिल।

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By nit

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