वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
रविवार को जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह व पुलिस अधीक्षक पूनम ने धर्मगुरूओं के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक की सोमवार से जिले के सभी धर्मस्थलों को खोले जाने पर विस्तृत चर्चा की और धर्मस्थलों को खोलने हेतु जारी गाइडलाइन के सम्बन्ध में जानकारी देकर इसका अक्षरक्षः अनुपालन करने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा आपसब के सहयोग एवं सूझबूझ का ही नतीजा है, समुदाय में कोविड संक्रमण का प्रसार नही हुआ है। वर्तमान परिस्थितियों में कोविड के बढ़ते प्रसार के दृष्टिगत आगे भी इसी प्रकार और अधिक सर्तकता एवं सावधानी बरतने की आवश्यकता है, जिससे स्वयं के साथ-साथ समूचे जनपद को कोविड के संक्रमण से बचाया जा सकता है।
उन्होनें कहा केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुक्रम में जिला प्रशासन द्वारा धर्मस्थलों को खोलने के सम्बन्ध में जारी गाइडलाइन्स एवं एडवाइजरी का अक्षरशः अनुपालन किया जाय। सोमवार से जिले में कन्टेनमेंट जोन को छोड़कर शेष स्थानों में धार्मिक पूजा स्थल खोले जा सकते है। धर्मस्थलों में एक बार में पांच से अधिक लोग प्रवेश नही कर सकेगे। पूर्व की भांति आपसभी अपना अपेक्षित सहयोग प्रदान करते हुए गाइडलाइन का धर्मस्थलों में शत प्रतिशत अनुपालन करायेगे। इसमें प्रशासन आपके हर अपेक्षित सहयोग के लिए तत्पर है। गाइडलाइन का अनुपालन कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह तत्पर है। डीएम ने कहा कि धर्मस्थलों पर प्रसाद के वितरण एवं जल के छिड़काव के लिए मनाही रहेगी।
पुलिस अधीक्षक पूनम ने जारी गाइडलाइन्स के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि यह सुनिश्चित किया जाय कि प्रत्येक धर्म-स्थल के अन्दर एक बार में एक स्थान पर 05 से अधिक श्रद्धालु न हो। प्रवेश-द्वार पर हाथों को कीटाणु-रहित करने हेतु एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाए एवं इन्फ्रारेड-थर्मामीटर की भी व्यवस्था यथासम्भव की जाए। जिन व्यक्तियों में कोई लक्षण प्रदर्शित नही होगा केवल उन्हें ही परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। सभी प्रवेश करने वाले व्यक्तियों को फेस-कवर/मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। कोविड-19 महामारी के सम्बन्ध में रोकथाम सम्बन्धी उपायों के रूप में जन-जागरूकता के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु परिसर में पोस्टर/स्टैन्डीज का प्रयोग प्रमुखता से करना होगा। जहां तक सम्भव हो आने वाले व्यक्तियों को विभिन्न समूहों में विभाजित करते हुए परिसर में प्रवेश करने की व्यवस्था की जाए जिससे कि अनावश्यक भीड़-भाड़ न हो और संक्रमण का प्रसार न होने पाये। यह सुनिश्चित किया जाय कि एक स्थान पर एक समय में पाँच से अधिक व्यक्ति एकत्रित न हो। जूते/चप्पलों को अपने वाहन इत्यादि में ही उतार कर रखना अपेक्षित होगा। यदि आवश्यक हो तो इन्हें प्रत्येक व्यक्ति/परिवार द्वारा स्वंय ही अलग-अलग खांचो/ब्लाक में रखना होगा। परिसरों के बाहर पार्किंग स्थलों पर भीड़ प्रबन्धन करते समय सोशल-डिस्टेंन्सिग का कड़ाई से अनुपालन करना होगा। पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम/माइक से सभी व्यक्तियों/आगन्तुकों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के बारे में लगातार जागरुक किया जाए। परिसर के बाहर स्थित किसी भी प्रकार की दुकानों, स्टॉल, कैफेटेरिया इत्यादि पर भी पूरे समय सोशल डिस्टेंन्सिग के मानकों का कड़ाई से अनुपालन करना होगा। सोशल-डिस्टेंन्सिग को सुनिश्चित करने हेतु परिसरों में व्यक्तियों के लाइन में खड़े होने के लिए स्पष्ट दृश्य निशान/चिन्ह अंकित कर दिए जायें। प्रवेश एवं निकास की यथासम्भव अलग-अलग व्यवस्था की जाए। लाइनों में सभी व्यक्ति एक-दूसरे से कम से कम 6 फिट की शारीरिक दूरी पर रहेंगे। बैठने के स्थानों को भी सोशल-डिस्टेन्सिंग के अनुसार व्यवस्थित किया जाए। वेन्टिलेशन/एयर-कंडीशनरों आदि के साधनों के प्रयोग के समय तापमान 24-30 डिग्री के मध्य होना चाहिए आर्द्रता की सीमा 40 से 70 प्रतिशत के मध्य होनी चाहिए। क्रॉस-वैन्टिलेशन का प्रबन्धन इस प्रकार से होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा ताजी हवा अन्दर आ सके। प्रतिरूप/मूर्तियों/पवित्र ग्रन्थों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। सभाएं/मण्डली निषिद्ध रहेंगी। संक्रमण फैलने के खतरे के दृष्टिगत रिकार्ड किए हुए भक्ति-संगीत/गाये बजाये जा सकते हैं, किन्तु समूह में इकठ्ठे होकर गायन की अनुमति नही होगी। प्रार्थना-सभाओं हेतु एक ही मैट/दरी के प्रयोग से बचा जाए। श्रद्धालुओं को अपने लिए अलग मैट/दरी/चादर आदि लानी चाहिए, जिसे वह अपने साथ वापस भी ले जा सकते हों। धार्मिक स्थल के अन्दर किसी प्रकार के प्रसाद वितरण अथवा पवित्र-जल के छिड़काव आदि की अनुमति नहीं होगी। एक-दूसरे को बधाई देते समय शारीरिक सम्पर्क से बचना होगा। श्रद्धालु एवं पुजारी समेत कोई भी किसी को किसी रुप में स्पर्श न करें। लंगर/सामुदायिक-रसोई/अन्न-दान आदि हेतु भोजन तैयार/वितरित करते समय शारिरिक-दूरी के मानकों का अनुपालन करना होगा। परिसर के भीतर शौचालयों, हाथ-पैर धोने के स्थानों पर स्वच्छता हेतु विशेष उपाय करने होंगे। प्रबन्धन द्वारा धार्मिक स्थलों की लगातार सफाई और कीटाणु-रहित करने के उपाय करने होंगे। परिसर के फर्श को विशेष रूप से कई बार साफ करना होगा। आगन्तुक अपने फेस-कवर/मास्क/ग्लब्स आदि को सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ेंगे, यदि कहीं कोई ऐसी सामग्री रहती है तो उनका उचित निपटान सुनिश्चित करना होगा।
सभी धर्मगुरूओं द्वारा प्रशासन को एक स्वर में पूरी संजीदगी से गाइडलाइन्स का अनुपालन करने हेतु आश्वस्त किया। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 मनोज अग्रवाल, अपर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र लाल, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 आरपी दीक्षित, उपजिलाधिकारी सदर डाॅ0 अरूण कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी डाॅ0 अमरेश, पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर विजय आनन्द, शहर कोतवाल अजय प्रकाश मिश्र सहित धर्मस्थलों के धर्मगुरू एवं उनके प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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