अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री तरुण कुमार पिथोड़े ने धार्मिक स्थलों को खोले जाने को लेकर सभी धर्म गुरुओं की एक बैठक पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित की। बैठक में सभी धर्म गुरुओं से सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा की वह अपने अपने धार्मिक स्थलों को खोलने के पूर्व सभी व्यापक इंतजाम सुनिश्चित करें। सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन हो यह सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर ने धर्म गुरुओं से कहा कि आगामी 12 जून को धार्मिक स्थलों को खोले जाने के संबंध में एक विशेष बैठक आयोजित कर इस पर पुनः चर्चा कर 15 जून तक धार्मिक स्थलों को खोले जाने का निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आप सभी धर्म गुरु अपने समुदाय विशेष में सभी को समझाइश दें कि धार्मिक स्थलों को किस प्रकार सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए खोला जा सके। आगामी चुनौतियों से कैसे लड़ा जा सके और इस संक्रमण काल में इस विपदा से धार्मिक स्थलों को बचाया जा सके। सभी धर्म गुरुओं ने इस ओर एक स्वर में सहमति जताते हुए धार्मिक स्थलों को अभी नहीं खोले जाने को लेकर कलेक्टर श्री पिथोड़े को सहमति जताई। कलेक्टर ने सभी धर्म गुरुओं को शासन-प्रशासन द्वारा उठाये गए एहतियातन कदम के बारे में अवगत भी कराया गया। उन्होंने बताया कि धर्म स्थलों को खोले जाने का निर्णय लिया गया है। इस संदर्भ में सभी धर्मगुरु अपने धर्म स्थलों पर सुरक्षा की दृष्टि से भीड़ नही जुटने दें। किसी भी धर्म ग्रंथ, मंदिरों में घंटियों और आवश्यक वस्तु को किसी अन्य के हाथों से छूने नहीं दिया जाये। सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्यत: पालन किया जाये। चेहरे को मास्क और फेस कवर से ढका जाये। बड़े बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चे धर्मिक प्रतिष्ठान, पूजा स्थलों पर नहीं जायें। प्रवेश द्वार पर हैंड सेनेटइजर/ हैंड वाश रखा जाये।
कलेक्टर ने कहा कि डिसिप्लिन और डिस्टेंस से हम कोरोना को हरा सकते हैं। इसके लिए बस सावधानी ही एक विशेष उपाय है। उन्होंने सभी धर्म गुरुओं से अपील कि वे अपने-अपने समुदाय विशेष में धार्मिक स्थलों को खोले जाने के पूर्व सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए चर्चा करें। आगामी 12 जून को इस पर पुनः समीक्षा कर धार्मिक स्थलों को खोले जाने का निर्णय लिया जाएगा।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक श्री शैलेंद्र सिंह चौहान, अपर कलेक्टर श्री सतीश कुमार एस सहित विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु सैयद मुश्ताक अली नदवी, काजी सैयद बाबर, डॉ फ्रांसिस शाजी आर्च बिशप, महंत कृष्णानंद आचार्य, गुरुद्वारा समिति के अमरीक सिंह सहित अन्य धर्म गुरु उपस्थित थे।
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