अंकित तिवारी, नोएडा (यूपी), NIT:
![जागृति लीला साहित्य कला संस्कृति ने राष्ट्रीय स्तर पर किया 'ई-गोष्ठी' का आयोजन 2 जागृति लीला साहित्य कला संस्कृति ने राष्ट्रीय स्तर पर किया 'ई-गोष्ठी' का आयोजन | New India Times](https://i1.wp.com/www.newindiatimes.net/wp-content/uploads/2020/05/img-20200523-wa00178806449416766809683.jpg?fit=1022%2C1024)
कोविड- 9 संक्रमण के बढ़ते आज के तनावपूर्ण वातावरण में जब सभी अपना अपना योगदान और विषम परिस्थितियों से जूझ रहे हैं इन्हीं परिस्थितियों पर आधारित जागृति लीला साहित्य कला संस्कृति ने राष्ट्रीय स्तर पर “ई-गोष्ठी” का आयोजन 23 मई 2020 को नोएडा में किया। इस गोष्ठी का संचालन संस्था की संस्थापक एवं सचिव श्रीमती कुम्मू जोशी भटनागर ने अपनी कविता ‘सृष्टि’ के साथ प्रारंभ किया। गोष्ठी में उपस्थित सभी सदस्यों में अहमदाबाद से साहित्यकारा श्रीमती कविता पंत, नोएडा से लेखक, कवि तथा रंगकर्मी – श्री हेम पंत, लेखिका श्रीमती सरला अधिकारी, लेखिका श्रीमती करूणा भल्ला, लेखक श्री ब्रजेन्द्र सिंह (राज), लेखिका एवं रंगकर्मी श्रीमती दीपिका पांडे, लेखिका श्रीमती अल्का भट्ट, लेखिका श्रीमती सुनैना जोशी सम्मिलित रहे। श्रीमती रमा पंत सरीन ने अपनी कविता (वर्तमान स्थिति पर आधारित) के माध्यम से धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित कर ई गोष्ठी का समापन किया।
कुम्मू जोशी भटनागर द्वारा रचित कविता ‘सृष्टि ‘ ने पंछियों की जीवन से जोड़ते हुए मानव के प्रकृति के प्रति विपरीत व्यवहार के परिणाम को दर्शाया है तो वहीं करूणा जी की प्रेरणादायक कविता – ‘तू अध्याय बन एक नए महाकाव्य का’ मानो नई ऊर्जा प्रदान करती है। सुनैना जोशी के काव्य से उद्धृत यह पीडा – ‘कैसी आई ये महामारी, सारा देश दहल सा गया’ मार्मिक स्थिति को दर्शाता है तो वहीं अहमदाबादा से साहित्यकारा- कविता पंत की कविता ‘ठहरो घर में एक निवेदन धरो’ के माध्यम से जन मानस को वर्तमान स्थिति में धैर्य धरने को प्रेरित करती है।
इसी प्रकार अन्य लेखक व् कवियों द्वारा ई-गोष्ठी के पटल पर वर्तमान स्थिति के आधार पर, व्यथा, प्रेरणा, व्यंग्य इत्यादि भावों से अपने शब्दों की माला में पिरोकर सार्थक किया।
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