छाबड़ा साहब की शहादत पर राजनीति न करुंगी न करने दूंगी: पूनम अंकुर छाबड़ा; पूनम अंकुर छाबड़ा के शराब बंदी आन्दोलन को कमजोर करने की कोशिशें जारी | New India Times

भैरु सिंह राजपुरोहित, बीकानेर ( राजस्थान ), NIT; ​छाबड़ा साहब की शहादत पर राजनीति न करुंगी न करने दूंगी: पूनम अंकुर छाबड़ा; पूनम अंकुर छाबड़ा के शराब बंदी आन्दोलन को कमजोर करने की कोशिशें जारी | New India Times
प्रदेश में शराब बंदी के लिए आंदोलनरत संगठन जस्टिस फॉर छाबड़ा जी और उसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा को बार बार वार्ता के लिए सरकार और आबकारी विभाग द्वारा आमंत्रित करने और उनकी मांगों को मानने से शराब बंदी के नाम पर राजनीति के ख्वाब पालने वाले संगठन और उसकी अध्यक्ष की नींदें डी हुई हैं और वे तुछ हरकतों पर तर आए हैं।

जस्टिस फॉर छाबड़ा जी संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा ने बताया कि उनका एक मात्र मकसद शराब बंदी है और उनके इस काम को सरकार और आबकारी विभाग भी सकारात्मक रूप से लेकर सहयोग कर रही है परंतु शराब बंदी के नाम पर नोटंकी करने वाले और शहीद श्री गुरुशरण जी छाबडा साहब की शहादत पर मन में राजनीती का ख्वाब पालने वालों को मेरा यह निःस्वार्थ काम पच नहीं रहा है और मेरे नाम का सहारा लेकर लोगों के बीच जाकर लोगों को गुमराह करने और कार्यकर्ताओं को वरगलाने का प्रयास और झूठा श्रये लेने का प्रयास किया जा रहा है। वही मुझे बार बार परेशान कर रहे हैं , सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे मैसेज भेज परेशान करने वालों को मेरी खुली चुनौती है कि आप लोगों का जो मकसद है कि छाबडा साहब की शहादत पर अपनी राजनितिक रोटियां सेंकने का तो आपको खुला बताना चाहती हूं कि आपके मनसूबे पुरे नहीं होने दूंगी और अपने पिताजी की शहादत पर राजनीति न करुंगी और न करने दूंगी। उनके विरोध में जनता से अपील करूंगी।

पूनम अंकुर छाबडा ने कहा कि आज पूरा प्रदेश छाबड़ा साहब की शहादत को नमन करता है। मेरे द्वारा आग्रह करने पर सरकार ने उनके नाम से स्कूल का नामकरण कर उनकी शहादत का सम्मान किया और प्रदेश की जनता जस्टिस फॉर छाबड़ा जी संगठन के साथ पूरे जोश के साथ जुड़ सहयोग कर रही है और यह शराब बंदी के नाम पर नोटंकी करने वालों के मुंह पर तमाचा है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading