बूंद-बूंद पानी के लिये तरस रहे लोग पानी के पाइप लाइन से रिसते पानी से प्यास बुझाने को मजबूर, वसई-विरार मनपा बनी हुई है उदासीन | New India Times

सुहेल फ़ारूक़ी, वसई-विरार (महाराष्ट्र), NIT;​बूंद-बूंद पानी के लिये तरस रहे लोग पानी के पाइप लाइन से रिसते पानी से प्यास बुझाने को मजबूर, वसई-विरार मनपा बनी हुई है उदासीन | New India Times वसई-विरार शहर में बढते गर्मी के साथ साथ पानी की किल्लत भी बढती जा रही है। जगह-जगह पर पानी के बोरवेल सूख चुके हैं। शहर के ज्यादातर हिस्सों में नगर पालिका की पानी सप्लाई नहीं है, इसलिए लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। कुछ नगरसेवकों ने पानी के टेंकर से पानी मुहैया कराने का वादा किया था लेकिन वह केवल शोबाजी तक सीमित हो कर रह गया है।​

बूंद-बूंद पानी के लिये तरस रहे लोग पानी के पाइप लाइन से रिसते पानी से प्यास बुझाने को मजबूर, वसई-विरार मनपा बनी हुई है उदासीन | New India Timesवसई-विरार शहर के वाकनपाडा इलाके में दर दिन पीने के पानी के लिऐ जूझ रहे रहवासी मनपा के फूटे हुऐ पाइप लाईन के रिसते पानी को जमा कर पीने के पानी का बंदोबस्त कर रहे हैं। यहाँ दिन ब दिन पानी के बोरबेल सूख रहे हैं और गर्मी बढती चली जा रही है। इस ओर मनपा प्रशासन ध्यान दे रही है और न ही नगरसेवक। ह वर्ष गर्मी के महीनों में वाकन पाडा मे रहने वाले गरीब लोग अपने बच्चों और परिवार को गन्दा औऱ खराब पानी पिला कर दिन काटते हैं।यहां के रहवासियों का कहना है की वोट मांगने के समय कहा जाता है की घर घर नल होगा, हर चीज की सुबिधा मिलेगी लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं है। इस और न ही महानगर पालिका ध्यान देती है न ही नगर सेवक। हम गरीब कैसे दिन निकाल रहें हैं इस से इन्हें कोई सरोकार नहीं है। 

यह हाल केवल वाकनपाडा का ही नहीं है बल्कि संतोष भुवन, बिलाल पाडा, धानिव बाग, जाबर पाडा, पेल्हार, सातीवली इत्यादी इलाकों में भी यही हाल है। लोग बडी मुश्किल से पानी ले पा रहे हैं। लोगों ने मनपा शासन प्रशासन से पानी उपलब्ध कराने की मांग की है।


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