गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
अगर सरकार श्रमिकों से रेल का किराया नहीं ले रही है तो टिकटों की कालाबाजारी आखिर कर कौन रहा है। जब खिड़की से टिकट बिक्री की कोई व्यवस्था नहीं है तो आखिर इन टिकटों का पैसा किसकी जेब में जा रहा है?
केंद्र सरकार और रेलवे ने मजदूरों से रेल भाड़ा नहीं लिए जाने की बात लगातार कह रही है.लेकिन फिर भी मजदूरों का कहना है कि उन्हें टिकट खरीदना पड़ रहा है। यूपी के अंबेडकरनगर पहुंचे मजदूरों से जब पूछा गया कि रेलवे की ओर से मिला टिकट उन्हें राज्य सरकार ने फ्री में दिया या फिर उन्होंने इसका कोई भुगतान किया है तो मजदूरों ने बताया कि टिकट के रुपये लिए गए हैं। पटियाला पंजाब से अकबरपुर के लिए सोमवार को सुबह के करीब 7:20 पर अकबरपुर जंक्शन पर पहुंची श्रमिकों की ट्रेन से आये श्रमिकों जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ट्रेन के टिकट का किराया लिया गया लगभग 12,00 मजदूर पटियाला पंजाब से अकबरपुर के लिए आए जिसमें एक महिला ने एक नवजात शिशु को गोद में ली हुई थी उसने बताया कि ₹600 से ऊपर एक टिकट का किराया लिया गया है।
पंजाब के पटियाला से मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन सोमवार सुबह अकबरपुर जंक्शन पहुंची. फिर मजदूरों की मेडिकल जांच होने के बाद उन्हें वहां से रवाना किया गया था। जिला प्रशासन ने सभी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की और उसके बाद उन्हें खाना दिया गया फिर मजदूरों को बस से उनके गृह जनपद मुख्यालय और तहसील मुख्यालय तक पहुंचाया जा रहा है। इन मजदूरों और कामगारों में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं जो अब अपने घरों को वापस जा रहे हैं। इन मजदूरों में अकबरपुर के अलावा फैजाबाद, सुल्तानपुर, बस्ती, दोस्तपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों के मजदूर और कामगार शामिल हैं।
बच्चों का भी लगा पूरा टिकट
यही नहीं एक मजदूर ने यह भी आरोप लगाया है कि उसके दो बच्चों का भी पैसा विरम ग्राम नगरपलिका के लोगों ने वसूला है। उसके बाद ही उसे ट्रेन का टिकट दिया गया है। मजदूर के मुताबिक उसके बच्चों की उम्र 2 साल से 4 साल के बीच में है।
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