फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
बहराइच जिला प्रशासन द्वारा लाॅकडाउन में मनमाना रवैया अपनाया जा रहा है। लाॅकडाउन में पत्रकारों की जिला प्रशासन से दूरी के विषय में कई बुद्धजीवियों ने लिखित अवगत कराया की शासन-प्रशासन लगभग रोजाना प्रेस कांफ्रेंस करके पत्रकारों को हालात से अवगत कराता है। पत्रकारों को भी जो कुछ जानना होता है वो अपनी सन्तुष्टि कर लेते हैं लेकिन लगभग 50 दिन बाद आज तक जिला प्रशासन को इतनी फुर्सत नहीं मिली कि वह पत्रकारों को थोड़ा भी समय दे दें।
बात समय देने के लिए इसलिए कि प्रशासन पत्रकारों का सामना नहीं करना चाहता। जाहिर सी बात है कि पत्रकार सवाल जवाब जरूर करेंगे और प्रशासन की कमियों को दर्शाएंगे तो इससे अच्छा पत्रकारों को प्रेस नोट से काम चलाया जाए।
ठीक उसी तरह प्रशासन, जिले के खासकर सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों को भी काम चलाऊ समझकर बड़ी बड़ी बातों और दावों से पेट भरते रहे। इसी बीच जब गल्ला मंडी, नगरपालिका, पुलिस और कई शिकायतें महसी विधायक सुरेश्वर सिंह को मिली और उन्होंने देर रात सड़क पर निकलकर सच जाना तो उनका गुस्सा नगर मजिस्ट्रेट व एसडीएम सदर के सामने फूट पड़ा। उन्होंने इस बीच बाहरी मजदूरों के साथ लापरवाही और पुलिस की वसूली जैसे गंभीर आरोप लगाये।
बीजेपी महसी विधायक घण्टाघर चौकी इंचार्ज पर जमकर वसूली का आरोप लगाया। उधर मोहल्ला नाजिरपुरा क्षेत्र के लोग रोडवेज चौकी इंचार्ज की बेलगामी, वसूली और पिटाई से पीड़ित हैं दिन प्रतिदिन मोहल्ला वासियों की प्रताड़ना बढ़ती जा रही है।
एक तरफ जनता लम्बे समय से लाॅकडाउन झेल रही है और उस पर खाकीधारीयों की प्रताड़ना का सितम झेल रहे हैं। बीजेपी विधायक ने कहा कोविड 19 जैसी महामारी के संकट में भी को लूटने खाने और पुलिस को वसूली करने व मनमानी करने का मौका मिल गया।
देर से ही सही लेकिन महसी विधायक सुरेश्वर सिंह ने सच्चाई का एहसास हुआ और सरकार की हो रही बदनामी को लेकर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।
अब देखना होगा कि जिम्मेदारों पर इसका असर कब तक रहता है और प्रशासन दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही करती है ये देखने वाली बात है।
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