अली अब्बास, मथुरा/लखनऊ (यूपी), NIT:
कोरोना के चलते लोगों को सामान्य इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। मंडल कमिश्नर अनिल कुमार, फिर उत्तर प्रदेश के शहरी सचिव अनुराग यादव ने मथुरा कलेक्ट्रेट पर अधिकारियों की बैठक लेते हुए आदेश दिए थे कि कोई भी मरीज बिना इलाज के अस्पताल से नहीं लौटाया जाएगा, और सभी प्राइवेट हॉस्पिटल मरीजों का इलाज करेंगे मगर जिला प्रशासन के अधिकारीयाें ने इन आदेशों को अनदेखा कर दिया। इसकी वजह से ना जाने कितने लाेगों की समय पर इलाज न मिलने के कारण मौत हाे गई। कांग्रेसी नेता ने मथुरा जिला प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। कहा कि कोरोना के चलते लोगों को सामान्य इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस के नेता की न प्रशासन ने सुनी और न सीएमओ ने। समय पर एम्बुलेंस न मिलने से भतीजे ने दम तोड़ दिया। ये हाल पहुंच रखने वालों का है तो आम आदमी किस हाल में जी रहा है आप अंदाजा लगा लीजिए।
जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष अब्दुल जब्बार के भतीजे अरबाज (21) के दिमाग में सूजन आ गई थी। जिसे लेकर वह गत शुक्रवार को नयति अस्पताल ले गए। अपने आपको सुपर स्पेशलिस्ट बताने वाला नयति मेडिसिटी के डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर, इलाज करने से मना कर दिया। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर ही वह किसी को भर्ती करेंगे। इसके बाद उन्होंने मथुरा के ही स्थानीय अस्पताल सिटी हॉस्पिटल में भतीजे को भर्ती करा दिया। जहां पर उसकी तबियत खराब हुई और रविवार की सुबह उसकी मौत हो गई। उनका कहना है कि सिटी हॉस्पिटल में भर्ती करने के बाद भी उन्होंने दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में बात कर ली थी लेकिन उन्हें कोई एंबुलेंस नहीं मिल सकी। उन्होंने रात भर जिलाधिकारी और सीएमओ को फोन भी किया लेकिन फोन नहीं उठ सके।
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