अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने कहा कि निजी बिजली कंपनियों के प्राप्त दस्तावेजों से चौंकाने वाले तथ्य सामने आये है। शिवराज सरकार ने नवंबर 2016 में निजी कंपनी झाबुआ पॉवर से 16221 रु प्रति यूनिट की बिजली खरीदी है। झाबुआ पॉवर से पूरे साल की खरीदी का औसत 89 रूपये यूनिट आया है, तो जे. पी. बीना से 32 रु प्रति यूनिट में बिजली खरीदी गयी है। वहीँ यह तथ्य भी सामने आयें हैं कि सस्ती बिजली वाले सरकारी बाणसागर, गाँधी सागर और बरगी बाधों से बिजली न लेने के कारण ये बांध भरे हुए हैं। आम आदमी पार्टी नेमांग की है कि बिजली में हो रही यह लूट बंद की जानी चाहिए और बिजली के दाम आधे किये जाने चाहिए।
- कैसे खरीदी 16221 रु प्रति यूनिट की बिजली
आम आदमी पार्टी को निजी कंपनी झाबुआ पॉवर लिमिटेड का मध्य प्रदेश सरकार को दिया नवम्बर 2016 का बिल प्राप्त हुआ है। इस बिल में साफ़ है कि इस माह में कंपनी ने मात्र 12914 यूनिट बिजली दी है और इसके लिए 20 करोड़ 94 लाख का भुगतान हुआ है। अतः मध्य प्रदेश सरकार ने यह बिजली 16221 रु प्रति यूनिट में खरीदी।
- 89 रु और 32 रु प्रति यूनिट खरीदी गयी बिजली
दो निजी कंपनियों को साल भर में हुए भुगतान की जाँच करने पर भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं। झाबुआ पॉवर लिमिटेड से सरकार ने वर्ष 2016-17 में कुल 2 करोड़ 64 लाख यूनिट बिजली खरीदी और इसके लिए 235 करोड़ रु का भुगतान किया। अतः यह बिजली 89 रु प्रति यूनिट में खरीदी गयी। इसी प्रकार एक अन्य निजी कंपनी जे. पी. बीना को 16.18 करोड़ यूनिट का 523 करोड़ रु भुगतान किया गया, अतः यह बिजली 32 रु यूनिट में खरीदी गयी।
उल्लेखनीय है कि भयावह दाम पर बिजली देने वाली इन दोनों कंपनियों से शिवराज सरकार ने 5 जनवरी 2011 को एक ही दिन में केन्द्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन करते हुए समझौते किये थे। झाबुआ पॉवर के समझौते पर मुख्य अभियंता, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की ओर से श्री संजय मोहसे ने हस्ताक्षर किये, जबकि वह उस दिन उस पद पर पदस्थ ही नहीं थे। जे. पी. बीना के समझौते पर मुख्य अभियंता, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की ओर से श्री गजराज मेहता ने हस्ताक्षर किये, जबकि वह भी उस दिन उस पद पर पदस्थ ही नहीं थे।
- सस्ती बिजली के सरकारी बांध से नहीं ली बिजली
दस्तावेजों की पड़ताल से यह भी चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि इसी साल में हमने सरकार के सस्ती बिजली देने वाले बाणसागर, गांधीसागर व् बरगी बाँध को अधिकांश समय बंद रखा है। हाल ही में राज्य विद्युत नियामक आयोग के आदेश के अनुसार इन बांधो से मिलने वाली बिजली की कीमत क्रमशः 11 पैसे, 13 पैसे व् 30 पैसे प्रति यूनिट है। यदि इन बांधों के वर्तमान जल स्तरों को देखें तो स्तिथि बिलकुल साफ़ हो जाती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 17 अप्रैल को बाणसागर बांध में कुल 23 मीटर पानी में से मात्र 4.75 मीटर पानी खाली हुआ है अर्थात यह बांध 80% भरा है। गाँधी सागर बांध में कुल 62 मीटर पानी में से मात्र 15.68 मीटर पानी खाली हुआ है अर्थात यह बांध 75% भरा है। बरगी बांध में कुल 19.26 मीटर पानी में से मात्र 8.81 मीटर पानी खाली हुआ है अर्थात यह बांध 55% भरा है।
यदि इन बांधों से बिजली बनती तो ये बांध खाली हो गए होते, वैसे भी बरसात के ठीक पहले सुरक्षा की दृष्टि से भी इन बांधों का खाली होना जरुरी है।
- जनता की लूट बंद हो, बिजली के दाम आधे किये जाएं
आम आदमी पार्टी का मानना है कि निजी कम्पनियों को लूट की छूट देकर शिवराज सरकार प्रदेश में सबसे महंगी बिजली दे रही है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार जहाँ 200 यूनिट बिजली के 465 रु लेती है वहीँ शिवराज सरकार में 200 यूनिट के दाम 1360 रु है। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि निजी कंपनियों से किये गये सारे गैर क़ानूनी समझौते रद्द किये जाएं और प्रदेश की जनता के लिए बिजली के दाम आधे किये जायें।
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