नशा मुक्त अभियान: शराब माफियाओं को संरक्षण दे कर जनता को नर्क में धकेलने का राजस्थान सरकार पर लगा आरोप | New India Times

भैरु सिंह राजपुरोहित, बीकानेर (राजस्थान), NIT; ​नशा मुक्त अभियान: शराब माफियाओं को संरक्षण दे कर जनता को नर्क में धकेलने का राजस्थान सरकार पर लगा आरोप | New India Timesएक ओर जहां देश में पूर्ण शराब बंदी की मांग चर्म पर है वहीं दूसरी ओर राजस्थान सरकार द्वारा शराब कारोबारियों को संरक्षण देना जहां सरकार के मंशा को जाहिर कर रहा है वहीं सरकार पर जनता को नर्क में धकेलने का आरोप लगाया जा रहा है।

 इस समय आम जन शराब बंदी के पक्ष में उठ खड़ा हुआ है और धरने प्रदर्शन, संगोष्ठी के माध्यम से अपने विचार रख रहा है, वही दूसरी ओर सरकार शराब हितेषी बनी बेठी है और आम जन को शराब रूपी दलदल में धकेलना चाहती है। इसी क्रम में धरने प्रदर्शनों एवं नशा मुक्ति के लिए आम जन को जागरूक करने के लिये आयोजित संगोष्ठी तक को रोकने का प्रयास कर आम जन के मौलिक अधिकारों का हनन करनेरपर शासन प्रशासन तुली हुई है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के रीवा जिले में समाजिक संगठन और वरिष्ठ समाज सेविका बहन कविता पाण्डे के नेतृत्व में आयोजित एक शराब बंदी के पक्ष में होने वाली संगोष्ठी “शराब की आवश्यकता किसको – जनता या सरकार को” , को रोकने का प्रयास मध्यप्रदेश शासन द्वारा किया जाना निंदनीय है। उक्त संगोष्ठी को रोकने के लिए रीवा नगर निगम ने पार्क में विचार गोष्ठी के लिए खुले शब्दों में मना कर आम जन की भावनाओं को आहत किया है और खुले रूप से शराब माफियाओं का पक्ष लेकर यह स्पस्ट कर दिया की मध्यप्रदेश शासन शराब और शराब माफियाओं का हितेषी है। रीवा नगर निगम के इस अनैतिक व्यवहार पर आज राजस्थान संपूर्ण शराब बंदी आन्दोलन जस्टिस फॉर छाबडा जी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन पूनम अंकुर छाबडा (पुत्रवधु शहिद श्री गुरुशरण जी छाबडा पूर्व विधायक), आन्दोलन के प्रदेश प्रवक्ता भेरो सिंह राजपुरोहित ने एक निंदा प्रस्ताव पारित कर मध्यप्रदेश शासन की शराब हितेषी सोच की निंदा की।


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