अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT; राजस्थान के जाट बाहुल्य शेखावाटी जनपद के मेहनतकश जाट समाज ने कड़ी मेहनत करके रेगिस्तानी बंजर जमीन को उपजाऊ जमीन में तबदील करके व शिक्षा की रस्सी को मजबूती से पकड़कर आज जनपद की मजबूत शिक्षित बिरादरी के तौर पर उभरने के साथ साथ उनकी रगों में संचार होने वाले खून में इतना असर है कि वो संघर्ष व कड़ी मेहनत के बल पर कठिन से कठिन राह को भी सुगम राह बनाकर आम लोगो के लिये राहे आसान बनाने के माहिर के तौर पर आज जाट समाज पुरे भारत में पहचाना जाता है। लेकिन पिछले दिनों शहर के दिल कहलाने वाले जाट बाजार का रास्ता दिखाते बोर्ड पर केवल जाट शब्द पर अज्ञात लोगों द्वारा कालिख पोतने पर उसके खिलाफ सख्त कार्यवाई करने की मांग को लेकर समाज हित में काम करने वाली सामाजिक संस्था वीर तेजा सेना व जाट समाज ने थाना कोतवाली पर प्रदर्शन कर उसके अध्यक्ष सावंरमल चौधरी को शहर कोतवाली में बोर्ड पर कालिख पोतने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करावा कर जांच की मांग करने को मजबूर होना पड़ा है।जाट समाज की सामाजिक संस्था वीर तेजा सेना के जिलाध्यक्ष सांवरमल मुवाल ने बताया की सीकर शहर में जनहित में प्रशासन की ओर से जगह जगह पर जाट बाजार रस्ता के नाम से बोर्ड लगवाये हैं जिस पर रात को अज्ञात लोगों ने बोर्ड पर कालीख पोत देने पर समाज में जारी भारी रोष के कारण उन लोगो ने विरोध प्रदर्शन करके थाना कोतवाली मे रिपोर्ट दर्ज करवाकर अगामी पांच दिनों में आरोपियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है। साथ ही प्रशासन को चेतावनी दी है की यदि 5 दिन में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो वीर तेजा सेना व समाज के लोग अपने स्तर पर कारवाई करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं सीकर प्रशासन की होगी।
अगर जाट बाजार के इतिहास पर जरा नजर डालें तो सीकर कृषि उपज मण्डी बनने के पहले अनाज मण्डी इसी जाट बाजार में लगती थी। लेकिन उस समय छोटे नाम से बोलने के आम चलन के कारण अवाम में यह जाटिया बाजार नाम से बोलने के चलन में था। जिसको पिछले कुछ सालों पहले प्रशासन ने शुद्ध उचारण करके जाट बाजार नाम का वहां बोर्ड लगा करके एक अच्छी पहल प्रशासन ने की थी। सीकर शहर के मध्य स्थित जाट बाजार सालों से अब तक व्यापारिक व सामाजिक रुप से एक अहम बाजार माना जाता है। जहां हर आदमी अपनी जरुरत की चीज खरीद करने जाता है एवं शहर के अन्य भागों में जाने के लिये भी इसी बाजार से गुजरना होता है। तभी तो कहते है कि शहर में इधर से उधर किधर भी जायें पर मेहनतकश बिरादरी जाट समाज के नाम से पहचाने जाने वाले जाट बाजार से ही सभी को गुजरना होगा। जिला स्टेडियम व आईटीआई मैदान बनने के पहले सभी बडी से बडी सियासी मिंटिंगे भी इसी जाट बाजार में हुआ करती थीं। आज भी अनेक दफा सियासी मिटिंगस, प्रदर्शन व पुतला दहन भी इसी जाट बाजार में सम्पन्न होते हैं। इसी बाजार की यह भी खासियत है कि सभी धर्मो की इबादतगाहे भी यहां मौजूद होने के कारण एक अजीब सा शकून इस बाजार में मिलता है।कालिख पोतने के खिलाफ हुये प्रदर्शन के दौरान वीर तेजा सेना के जिलाध्यक्ष सांवरमल मुवाल, संजीव नेहरा, पवन ढाका, बल्लुराम मावलिया, एड. जगदिश गिठाला, नरेन्द्र बाटड., जयन्त निठारवाल, राकेश जाखड़, राकेश बगडीया, बलबीर थोरी, श्रीपाल छब्बरवाल,रणवीर जाखड़, नवरंग खीचड़, एड़ हरि सिंह बाजिया, कानाराम जाट, श्रीराम बिजारणीया, सुनील भदाला, कैलाश ढाका, रामनिवास जाखड़, मंजीत बाजिया,अमीचंद पुनीया, धर्मपाल मंडावरा , कुलदीप नागा, सुरेश कुडी सहित बडी तादात में लोग मौजूद थे।
कुल मिलाकर यह है कि सीकर को शैक्षणिक हब बनाकर आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक तौर पर सीकर को ऊपर उठाने में जाट बिरादरी के युवकों का कभी ना भूलने वाला योगदान दिया है। दुसरी तरफ प्रशासन को जनहित में लगे बोर्ड पर कालिख पोतने वालों की जल्द से जल्द पहचान कर उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाई अमल में लानी चाहिये, जिससे अन्य लोगों को आगे के लिये सबक मिल सके।
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