फ़िरोज़ खान, बारां(राजस्थान), NIT; बारां जिला के बकनपुरा पंचायत के गांव जगदेवपुरा सहरिया बस्ती के लोगों को मनरेगा रोजगार, भुगतान, इंद्रा आवास किश्त, पेयजल, एपीएल राशन कार्ड उपभोक्ताओं को गेंहू, पेंशन आदि समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। पप्पू सहरिया ने NIT संवाददाता को बताया कि सुंदर बाई, पुष्पा, कलावती, शांति, केसर, नाथी, रामनाथ, बीरबल, को बृद्धावस्था पेंशन करीब 7-8 माह से नही मिल रही है । इन्होंने बताया कि बैंक के चक्कर लगाते लगाते थक गए, उसके बाद भी हमे पेंशन नहीँ मिल रही है। बैंक वाले बोलते हैं कि तुम्हारे फिंगर प्रिंट नहीँ आते हैं, इस कारण आपको पेंशन नहीँ मिलेगी।एक तरफ राज्य सरकार वृद्धजनों को पेंशन देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर फिंगर प्रिंट का बहाना लगाकर वृद्धजनों को पेंशन से वंचित किया जा रहा है। किशनगंज क्षेत्र में ऐसे कई लोग हैं, जिनको पेंशन नहीँ मिल रही है। इन बुजर्गो को नाजायज रूप से परेशान किया जा रहा है। इन बुजर्ग महिला, पुरुषों ने बताया कि जब भी पेंशन के लिए बैंक में जाते हैं, तो हमें दुत्कार कर भगा दिया जाता है। समय व किराया लगाकर हम जाते हैं और खाली हाथ लौट आते हैं। इसी तरह एक बुजर्ग महिला पुष्पा बाई पत्नी अमरा सहरिया ने बताया कि इंदिरा आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत हुआ था, जिसकी प्रथम किश्त के रूप में दस हजार 400 रुपए मिले थे, उसके बाद आज तक एक भी पैसा नही मिला है और न ही मकान का निर्माण हुआ है। यह महिला आज भी टपरी बनाकर अपना जीवन व्यतीत कर रही है। जब इसकी बैंक डायरी को देखा तो उसमें आवास की किश्ते एटीएम के द्वारा निकलना पाया गया जबकि बुजर्ग महिला के पास एटीएम ही नही है। गांव के लोगों ने बताया कि पूर्व बैंक बीसी सुरेश मीणा के पास इस महिला का एटीएम है और इसके द्वारा ही पैसा निकाल गया है। मौके पर आवास का अभी तक निर्माण नही हुआ और पैसा भी स्वीकृत हो गया और निकाल भी लिया है। जगदेवपुरा में इस तरह का मामला सामने आया है। यही नहीं मनरेगा श्रमिकों ने बताया कि मनरेगा के तहत तलाई खुदाई का कार्य किया गया था, जिसका भुगतान आज तक नही हुआ है। उन्होंने बताया कि हमारा खाता गरडा मिनी बैंक में था। बैंक मैनेजर द्वारा गबन कर लिया गया और उस मैनजर की मृतयु भी हो गयी है। इसकी शिकायत कई बार गांव वालों ने जिला कलेक्टर तक कर दी थी, उसके बाद भी अभी तक गबन का पैसा इन मजदूरों को नहीं मिला है। इस तरह इन गरीब आदिवासियों के मेहनत का पैसा इनको नहीं मिला। गांव वासियों ने बताया कि यहाँ मनरेगा का काम भी नहीं चल रहा है, जबकि आवेदन भी कर दिए गए हैं। उसके बाद इनको काम नही दिया जा रहा है। इस कारण श्रमिक खाली हाथ बैठे हैं। वहीं इसी तरह लीला पत्नी रघुवीर बंजारा का इंदिरा आवास का निर्माण पुर्ण होने के बाद भी अभी तक एक ही किश्त मिली है जबकि आवास पुर्ण हो चूका है। कई बार अवगत कराने के बाद भी बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ है। सहरिया बस्ती व् बंजारा बस्ती के में लगी दोनों ट्यूबवेल की मोटरें लंबे समय से खराब पड़ी हैं, इस कारण दोनों बस्ती के लोगों को पीने के पानी के लिए 2 किलोमीटर की दुरी तय कर पानी लाना पड़ता है। गांव वालों के अनुसार इस गांव में कोई भी सुविधा नहीं है। लोग परेशान हाल में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इस सम्बंध में बकनपुरा ग्राम पंचायत के ग्रामसेवक ने बताया कि करीब 300 मनरेगा श्रमिकों की डिमांड आयी है, जिनको एक दो दिन में काम दे दिया जायेगा और लीला बंजारा की बकाया राशि का भुगतान भी जल्दी ही करवा दिया जावेगा। वहीं खराब पड़ी दोनों मोटरों को भी जल्दी ही ठीक करवा दिया जायेगा।
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