फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
शिक्षामित्र राशन की दुकानों से राशन बटवा रहे हैं, गांव के स्कूलों में क्वारन्टीन कर रहे गांव वालों की देखभाल कर रहे हैं। शिक्षामित्रों का कहना है कि भले ही उन्हें स्कूलों में शिक्षक बनने योग्य न पाया गया हो लेकिन सरकार अपने हर मुसीबत में शिक्षकों से ज्यादा शिक्षामित्रों पर भरोसा करती है और याद करती है और ड्यूटी लगाती है।
बहराइच के साथ-साथ पूरे प्रदेश के शिक्षामित्र को राशन की दुकानों में नोडल अफसर के रूप में लगाया गया है कि वह सोशल डिस्टेंस का पालन करवाते हुए इस पर नजर रखें उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिला प्रवक्ता अनवारुल रहमान खान का कहना है कि शिक्षामित्र इस तरह की परिस्थितियों में सक्षम है और सरकार के साथ है
बहराइच जिले के शिक्षामित्रों ने अपने अल्प मानदेय में से 1 दिन का मानदेय 1126322 रुपये इस महामारी से निपटने के लिए अपने मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किया। शिक्षामित्रों की उसी गांव या ग्राम सभा में नियुक्ति हुई थी इस लिहाज से उनसे बेहतर गांव वालों तथा गरीबों को कोई नहीं जान सकता है।
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