फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
लॉक डाउन के दौरान बहराइच की थाना दरगाह पुलिस का अमानवीय चेहरा उजागर करने वाली खबर सामने आ रही है। यहाँ लॉक डाउन में फंस कर घर वापस न जा पाई 10 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़िता द्वारा सुचना देने के बावजूद पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया और आरोपी को पकड़ने के बाद छोड़ दिया गया जिसके बाद पीड़िता ने एसपी सिटी से न्याय की गुहार लगाईं और एसपी सिटी के हस्तक्षेप के बाद मामले में 3 दिनों बाद अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है और पीड़िता का मेडिकल परिक्षण करवाया गया है।
बहराइच जिला के थाना मोतीपुर इलाके की रहने वाली 10 वर्षीय मासूम लड़की अपने परिवार के साथ बहराइच आई हुई थी कि उसी दिन लॉक डाउन की घोषणा हो गई और पूरा परिवार थाना दरगाह क्षेत्र में फंस गया जिसपर परिवार ने दरगाह मज़ार पर शरण ले ली। पीड़िता की माँ का आरोप है की बीती 28 मार्च को आरोपी उसे बहला फुसला कर नहलाने का बहाना कर अनारकली झील ले गया और उसे मज़ार से सामान लाने के लिए भेज दिया। इस दौरान उसकी 10 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ आरोपी ने जबरन दुष्कर्म किया। माँ के लौटने पर बेटी ने जब आपबीती सुनाई तो माँ ने थाना दरगाह पुलिस को घटना की सूचना दी। आरोप है की दरगाह पुलिस ने इस हैवानियत के मामले का मुकदमा तक दर्ज नहीं किया, यही नहीं पुलिस आरोपी को पकड़ तो लाई लेकिन बाद में छोड़ दिया गया।
थाना स्तर से उचित कार्रवाई न होने पर घटना के 3 दिन बाद पीड़िता के पूरे परिवार ने एसपी सिटी अजय प्रताप से न्याय की गुहार लगाईं तो आनन फानन में पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरुद्ध पाक्सो एक्ट सहीत बलात्कार की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पीड़िता को मेडिकल परिक्षण के लिए भेज दिया। विभागीय सूत्रों की मानें तो पुलिस घटना के दूसरे ही दिन आरोपी को पकड़ कर थाने ले आई थी जहाँ पर पीड़िता की माँ द्वारा उसकी पहचान भी कर ली गई थी लेकिन मामले को पूरी तरह से दबाते हुए दरगाह पुलिस आरोपी को 3 दिनों तक थाने पर ही बिठाए रही लेकिन जब एसपी सिटी ने मुकदमा दर्ज करने का दबाव बनाया तो पहले आरोपी को 151 में चालान भर कर छोड़ दिया गया फिर अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज का मामले में लीपापोती शुरू कर दी गई। घटना की जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक नगर अजय प्रताप ने बताया की पीड़िता ने उनसे गुहार लगाई थी जिसके बाद उसकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है और मामले में छानबीन शुरू कर दी गई।
फाइनल- घटना ने दरगाह पुलिस की कार्रवाई पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए.नाबालिग से बलात्कार जैसे गंभीर मामलों इस तरह की लापरवाही पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रही है बड़ा सवाल यही है की आखिर 3 दिनों तक पुलिस ने मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया और तीन दिनों तक आरोपी से कौन सी सेटिंग करती रही दरगाह पुलिस.
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