वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
कोरोना वायरस को लेकर विश्वव्यापी दहशत के बीच रविवार को एनडीआरएफ की टीम इंडो-नेपाल के गौरीफंटा बार्डर पर पहुंची। यहां प्रतिदिन डेढ़ से दो हजार नेपाली नागरिकों की आवाजाही को देख टीम के विशेषज्ञों ने नो-मेंस लैंड पर भारतीय गेट के पास निगरानी से लेकर हेल्थ कैम्प में विदेशी नागरिकों की जांच-पड़ताल के तौर-तरीके को देखा। एनडीआरएफ के उपनिरीक्षक जितेंद्र सिंह यादव ने एसएसबी, कस्टम, वन विभाग एवं इमीग्रेशन विभाग के कर्मचारियों को भी आवश्यक टिप्स दिये और कहा कि कोरोना को लेकर घबड़ाने की जरूरत नहीं है। बचाव व सतर्कता जरूरी है।
एनडीआरएफ के उपनिरीक्षक जितेंद्र सिंह यादव के साथ एनडीआरएफ की प्रशिक्षित टीम में मुख्य आरक्षी गजेंद्र मुख्य आरक्षी अभिमन्यु कुमार आरक्षी अमित, बालमुकुंद, हरेंद्र, आदित्य पांडे, राजेश सिंह आदि लोग शामिल हुए।
बॉर्डर पर नेपाल आने जाने वाले विदेशी नागरिकों की जांच-पड़ताल की स्थिति को देखा। एसएसबी व पुलिस कर्मियों से बताया कि कोरोना को लेकर डरने की बात नहीं है। स्वच्छता की आदतों का पालन करने व सम्पर्क के दौरान दूरी बनाने से इसके संक्रमण का डर नहीं रहता है। इसीलिए जांच-पड़ताल के समय एहतियातन तीन फीट की दूरी बनाए रखें। यह हवा से नहीं फैलता है। इसलिए खौफ जैसी कोई बात नहीं है। सड़क पर लोग थूकें नहीं, इसलिए उनको जागरूक करें। अफसरों व कर्मचारियों को आवश्यक सुझाव दिया। हेल्थ डेस्क पर टीम के विशेषज्ञों ने डाक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत की। उनके कई सवालों का जवाब देकर जिज्ञासा शांत किया।
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