साबिर खान, गुरुग्राम/नई दिल्ली, NIT:
वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट में किए गए बदलावों के विरोध में शहर के सदर बाजार की दुकानों को डंडे के जोर पर बंद कराने और राष्ट्रीय राजमार्ग को कई घंटों तक जाम करने के मुख्य आरोपी अखिल भारतीय भीम सेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर को आखिरकार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ ने जमानत दे ही दी है। मामला बीते चार सप्ताह से हाईकोर्ट में लंबित था। इससे उन भीम सैनिकों को राहत मिली है जो अपनी जमानत का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस उन्हें लगातार सम्मन पर सम्मन जारी कर रही थी। मामले पर सुनवाई करते हुए पहले जस्टिस सुदीप आहूवालिया ने तंवर से भविष्य में कभी किसी मुद्दे पर प्रदर्शन ना करने का हलफनामा मांगा था जिससे भीम सेना अपने पूरे आक्रामक तेवर में अा गई थी। मामला बढ़ता देख चीफ़ जस्टिस रविशंकर झा ने केस को जस्टिस राजमोहन सिंह की अदालत में ट्रांसफर कर दिया था। बीती 26 फरवरी को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए गुरुग्राम पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि आप किसी भी शरीफ नागरिक को परेशान नहीं कर सकते। सुनवाई करते हुए जस्टिस राजमोहन सिंह ने तंवर की गिरफ्तारी पर तुरंत प्रभाव से अंतरिम रोक लगा दी थी।
भीम सेना के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया था कि नवाब सतपाल तंवर भीम सेना संगठन के मुखिया होने के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। इसपर गुरुग्राम पुलिस ने तंवर की अग्रिम जमानत का विरोध किया था जिसपर जस्टिस राजमोहन सिंह ने नवाब सतपाल तंवर को अब तक किए गए सामाजिक कार्यों का ब्यौरा हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था। भीम सेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर ने वर्ष 2007 से अब तक के अपने द्वारा किए गए 25 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े सभी सामाजिक कार्यों का रिकार्ड हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया। बुधवार को मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नवाब सतपाल तंवर को अग्रिम जमानत दे दी है।
नवाब सतपाल तंवर ने अनाथ बच्चों, विधवा महिलाओं, गूंगे-बहरे बच्चों, वृद्ध लोगों के सामाजिक कल्याण का ब्यौरा प्रस्तुत किया। इसके अलावा रक्त दान शिविर, मुफ्त चिकित्सा शिविर, गरीब बच्चों की पढ़ाई आदि का भी रिकार्ड शामिल है। हाईकोर्ट में पेश किए रिकार्ड में उनके द्वारा चलाए जा रहे संगठन अखिल भारतीय भीम सेना के द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों का भी उल्लेख किया है साथ ही एनजीओ सतपाल तंवर फाउंडेशन, प्रेयर एनजीओ, आधार (आपका अधिकार) आदि एनजीओ का भी रिकार्ड शामिल किया है। तंवर ने हाईकोर्ट को बताया है कि इंडिया फ्री लीगल हेल्प सेल के माध्यम से वे 2010 से अब तक 8 हजार 300 लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध करा चुके हैं। जिसमें महिलाओं के अधिकारों, अनुसूचित जाति के पीड़ितों, बच्चों के अधिकारों, मानवाधिकारों और वरिष्ठ नागरिकों के मामले शामिल हैं। तंवर ने बाल मजदूरी और भीख मांग रहे बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने का ब्यौरा भी हाईकोर्ट को उपलब्ध कराया है। तंवर ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्होंने भारत सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के अब तक 325 प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। बताया गया है कि उन्होंने अब तक 190 रेप पीड़िताओं की कानूनी सहायता की है और उन्हें समाज में दोबारा से मुख्य धारा में लाने के लिए काउंसलिंग उपलब्ध कराई है। देश के अलग-अलग इलाकों में आई बाढ़ में भी पीड़ितों की मदद का भी उल्लेख किया गया है। इसके अलावा दहेज प्रथा, बाल विवाह, शिक्षा आदि के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए गए जागरूकता अभियान भी शामिल हैं। तंवर द्वारा पेश किए गए रिकार्ड में 2270 गरीब कन्याओं का विवाह कराने का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया है। ऐसे अनेकों सामाजिक कल्याण के कार्यों का रिकार्ड तंवर ने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट से अटेस्ट करवाकर हाईकोर्ट को सौंपा है।
सामाजिक कार्यों के रिकार्ड की लंबी सूची देखकर और अखिल भारतीय भीम सेना चीफ़ नवाब सतपाल तंवर को अग्रिम जमानत मिलने से गुरुग्राम पुलिस के उन दावों की पोल खुल गई है जिसमें उसने तंवर पर देशद्रोह के मुक़दमे दर्ज होने के दावे किए थे। इसी आधार पर तंवर की अग्रिम जमानत याचिका जिला सैशन कोर्ट ने खारिज कर दी थी। जस्टिस राजमोहन सिंह ने गुरुग्राम पुलिस से तंवर पर दर्ज किए गए मुकदमों की सूची मांगी तो गुरुग्राम पुलिस ऐसा कोई मुकदमा पेश नहीं कर पाई। जिसमें पुलिस ने तंवर पर अन्य राज्यों में देशद्रोह सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज होने की बात कही थी। गुरुग्राम पुलिस ने जांच किए जाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की तो जस्टिस राजमोहन सिंह ने पुलिस को एकतरफा और सरकार के दवाब में कार्यवाही ना करने की नसीहत दी।
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