नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
राज्य सरकार की ऋणमाफी योजना में कर्ज माफ हो जाने के बाद साहूकारों को उनकी जालसाजी के कारण इस योजना का फायदा हुआ है। साहूकारों से लिए रकम के बोझ और प्रताड़ना से परेशान होकर एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। मामला जलगांव जिले के जामनेर तहसिल के मोहाडी गांव का है।
मिली जानकारी के अनुसार 3 मार्च 2020 को जगदीश राजपूत नामक किसान ने साहूकारों की दबंगई से परेशान होकर दुनिया को ही अलविदा कह दिया। इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। पुलिस प्रशासन ने तत्काल हरकत में आकर मृतक जगदीश के बेटे दर्शन राजपूत की तहरीर पर मामले में कांचन नगर जलगांव निवासी अभियुक्त साहूकार विजय कुमावत, प्रकाश कुमावत के खिलाफ धारा 306, 506, 34 तथा साहूकारी प्रतिबन्धित कानून 2014 की धारा 39 के तहत जामनेर थाने में एफआईआर दर्ज की है। घटना के बाद से दोनों आरोपी फरार हो गए हैं। 4 मार्च आज सुबह मृतक किसान के शव का सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। समाचार लिखने तक यह देखा गया कि मृतक के परिजनों ने दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव को कब्जे में लेने से इंकार कर दिया है।
स्वयं मृतक जगदीश राजपूत द्वारा लिखी गई अंतिम चिठ्ठी NIT को प्राप्त हुई है जिसे मराठी अखबार के पत्रकार मित्र ने हमसे वाट्सअप पर शेयर किया है। इस चिठ्ठी में कहा गया है की साल 2000 में जगदीश ने पैसों की जरूरत के चलते साहूकार कुमावत बंधु से डेढ़ लाख रुपया नगद कर्ज लिया था जिसके बदले में साहूकारो ने जगदीश से उसकी 3 एकड़ जमीन की खरीद इस शर्त पर की कि जैसे ही ब्याज के साथ मूल रकम वापस होगी तब जमीन को जगदीश के नाम पर वापिस लौटा दिया जाएगा। इस दौरान चालबाज साहूकारों ने जगदीश की जमीन गिरवी रखकर बैंक से 2 लाख रुपये का कर्ज उठाया। राज्य सरकार की ऋणमाफी योजना में बैंक का कर्ज माफ हो गया जिसका सीधा लाभ साहूकारों को हुआ ना कि जगदीश को। इस दरम्यान साहूकारों ने अपने डेढ़ लाख रुपयों के लिए जगदीश को सताना जारी रखा, इसी बीच जगदीश ने कई बार जमीन लौटाने की विनंती की लेकिन साहूकारों ने एक ना सुनी और सीधा जमीन पर कब्जा करने और बेचने की धमकियां देने लगे, यहां तक कि जमीन के बदले जगदीश से 40 लाख रुपयों की मांग तक कर डाली। इसी बीच जगदीश मानसिक रूप से इतना पीड़ित रहा कि उसे कई बार अस्पताल के चक्कर काटने पड़े। चिठ्ठी के आखिरी हिस्से में जगदीश ने लिखा है कि कुमावत बंधुओं की प्रताड़ना से वह आत्महत्या कर रहा है, उसकी मौत के लिए कुमावत बंधु जिम्मेदार रहेंगे। वहीं जगदीश ने यह अपील भी की है कि उसके पश्चात उसके बच्चों को न्याय मिले। पुलिस आरोपी साहूकारों की तलाश में जुट गई है।
विदित हो कि सूबे में राज्य सरकार का बजट सेशन चल रहा है इसी बीच साहूकारों की प्रताड़ना से किसी किसान की आत्महत्या का यह मामला इस लिए चौंकाने वाला है क्योंकि 2014 में सरकार में रही कांग्रेस गठबंधन सरकार ने ही तब सभी मंझले तबकों की आर्थिक प्रताड़ना को रोकने के लिए साहूकार प्रतिबंधित कानून को बनाया था। आज कांग्रेस NCP महागठबंधन सरकार में है और जरूरत है इस कानून के प्रति जनता में फिर से जागरूकता लाकर इसे अधिक सख्त करने की।
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