अंकित तिवारी, ब्यूरो चीफ, प्रयागराज (यूपी), NIT:
इलाहाबाद के मंसूर अली पार्क में सीएए एनआरसी और एनपीआर को लेकर चल रहे धरने के 52वें दिन भी महिलाएं धरना स्थल पर डटी रहीं और दिन भर भाषण चलता रहा। अचानक एसपी सिटी व सिटी मजिस्ट्रेट मंसूर पार्क पहुंच गए और धरना दे रही महिलाओं से होली को देखते हुए धरना समाप्त करने का आग्रह किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि शान्ति व्यवस्था के लिए होली पर आप लोग धरना खत्म कर दें लेकिन महिलाओं ने दो टूक कहा हमारा धरना मंसूर अली पार्क के अन्दर चल रहा है और पूरी तरह शान्तिपूर्वक है, आप रौशन बाग़ की दोनों साईड से सड़क को ब्लाक कर दीजिये, वैसे भी इस रोड पर रंग नहीं खेला जाता।
धरने की अगुवाई कर रही सायरा अहमद ने कहा हम सब मिल कर इसी मंसूर पार्क में सदभाव के साथ होली भी मनाएंगे और यहीं पर गुझिया और पापड़ बना कर ऐसी मिसाल पेश करेंगे जिससे हमारे हिन्दू और मुस्लिमों के बीच सौहार्द बढ़े, हम कहीं नहीं जाएंगे। धरने के 52 वें दिन छात्राओं ने अपने खून से नो एनआरसी नो एनपीआर लिखा। निशू के साथ 115 महिलाओं व युवतियों ने खून से नारा लिखते हुए संदेश दिया “अब खून बहाने की बारी, हमारी भी तुमहारी भी”। युवतियाँ जोश से लबरेज़ थीं, कहा प्रधानमंत्री जी हम महिलाओं को कमज़ोर मत समझिये हम तब तक विरोध जारी रखेंगे जब तक यह काला क़ानून वापस नहीं हो जाता। छात्र शिवा ने कहा धर्म, जाति, मज़हब, नस्ल, रंग भेद के नाम पर हमें मत बाँटो, भेदभाव लोगों में नफरत और लोगों का बंटवारा करना इनसानियत के खिलाफ है।
खून से नारा लिखने वाली छात्रा और महिलाओं में फातिमा, अलकशा, फौज़िया, नेहा, फिरदौस, समीरा, सबीहा समेत सैकड़ो युवतियाँ जोश ओ खरोश से अपने खून से नारा लिख कर और लोगों में जोश का संचार करती रहीं। सायरा अहमद के संचालन में चल रहे धरने में प्रसेन, ज़िशान रहमानी, अमित, उमर खालिद, फराज़ उस्मानी, सैय्यद मो० अस्करी, इरशाद उल्ला, अफसर महमूद, तारिक़ खान, इफ्तेखार अहमद मंदर, शोएब अन्सारी, फज़ल खान सहित बड़ी संख्या में धरनारत महिलाओं को दिन भर सम्बोधित करते हुए उनमें जोश भरा।
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