राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
देवरी नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बदहाल स्वास्थ व्यवस्थाओं को लेकर विभाग की संजीदगी का खुलासा इस बात से होता है कि मुख्यमंत्री को की गई शिकायत के बाद जागे स्वास्थ अधिकारियों द्वारा की गई छापामार कार्रवाई में चिन्हित 4 फर्जी चिकित्सकों की लंबे समय से संचालित क्लीनिक सील की गई है जिनसे बड़ी मात्रा में अंग्रेजी दवायें, सिरिंज एवं अन्य औजार पाये गये हैं। मामले में वाहवाही लूटने के लिए स्वास्थ अधिकारी इसे रूटीन चेक बताकर आत्ममुग्ध हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार देवरी नगर के एक जागरूक व्यक्ति द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे गये शिकायती पत्र में कहा गया कि देवरी नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से फर्जी झोलाछाप चिकित्सक नागरिकों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। शिकायत में बताया गया कि नगर में प्रेक्टिस कर कुछ झोलाछापों पर प्रकरण दर्ज होने के बाद भी आज तक उनका जानलेवा कारोबार लगातार जारी है। क्षेत्र में कई मेडीकल स्टोर्स बिना लाईसेंस या अनुज्ञप्तिधारी व्यक्ति की बिना मौजूदगी के ही संचालित हो रहे हैं। शिकायत में कुछ चिकित्सकों के नाम एवं पतों का उल्लेख भी किया गया था।
दिसंबर माह में की गई इस शिकायत के 3 माह बाद नींद से जागे स्वास्थ विभाग के अधिकारी शुक्रवार दोपहर देवरी आये एवं शिकायत में संलग्न चिकित्सकों के विरूद्ध कार्रवाई कर उनकी क्लीनिक सील की। स्वास्थ विभाग की टीम में शामिल डॉ. एम.के. जैन नोडल अधिकारी नर्सिंग होम सागर, डॉ. एल.एस. शाक्य डीएचओ, औषधी निरीक्षक श्री कूजूर एवं पंजीयन शाखा प्रभारी द्वारा नगर के डॉ. रतिन राय, विनोद रैंकवार, समीर विश्वास, अशोक कुमार पटेल की क्लीनिकों को फर्जी मानते हुए सीलबंदी की कार्रवाई की गई। जिसमें से अशोक पटेल की क्लीनिक आवासीय परिसर में होने के कारण सीलबंदी नहीं हो सकी।
जांच टीम द्वारा बताया गया कि सागर शहर में एलआईसी बिल्डिंग में कृष्णा इंस्टीटयूट विभिन्न कोर्स संचालित किये जा रहे थे जिनके संबंध में कोई दस्तावेज उपलब्ध न कराये जाने के कारण उसे सील किया गया है। कार्रवाई के दौरान संचालक विशाल जैन के अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें 2 दिवसों में दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय दिया गया है। उल्लेख आवश्यक है कि देवरी नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मध्यप्रदेश मेडीकल काउन्सिंल द्वारा मान्य ड्रिगी धारी चिकित्सकों की कमी एवं सरकारी सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र एवं उप स्वास्थ केन्द्रों में स्टाफ की कमी होने के कारण झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ आ गई है। आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, अल्टरनेटिव एवं इलेक्टोनेटिव पद्धितियों से डिप्लोमा एवं ड्रिगी प्राप्त करने वाले चिकित्सक ऐलोपेथी पद्धिति द्वारा आम जन का इलाज कर रहे हैं एवं लोगों को विभिन्न असाध्य रोगों की दवा, इंजेक्शन एवं फोड़ा फुंसी की सर्जरी का कार्य भी कर रहे हैं जिनके संबंध में कई बार शिकायत होने के काद भी कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो
सकी है।
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