शराब बंदी के समर्थन व शराब दुकानों के विरोध में राजस्थान में महिलाएं सड़कों पर | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर, NIT; ​शराब बंदी के समर्थन व शराब दुकानों के विरोध में राजस्थान में महिलाएं सड़कों पर | New India Times

राजस्थान में सरकारी स्तर पर शराब कारोबारियों को राहत देने के लिये उन्हें अलाट दुकानों को उनकी मनपसंद जगह लगाने के लिये स्टेट हाईवे को जिला सड़क बनाने की लगातार लिस्ट पर लिस्ट सरकार की तरफ से जारी करके शराब कारोबारियों को बडी राहत देने का सिलसिला बदस्तूर जा रही है। वहीं राज्य भर में शराब दुकानें अपने इलाकों में नहीं खुलने देने व प्रदेश में शराब बन्दी लागू करने के लिये महिलाऐं दिन रात सड़क पर आकर कड़ा विरोध करते हुये आपस में लामबंध होकर एक बडा आंदोलन छेड़ने की तरफ तेजी से अग्रसर हो रही हैं।
हालांकि शराब की दुकानें काफी तादात में महिलाओं के नाम से लॉटरी निकलने के बाद शुरु हुई हैं लेकिन शराब बंदी के समर्थन में व शराब दुकानों के विरोध में महिलाएं ही पुरे स्टेट में कड़ा विरोध करते हुये सरकार व शराब कारोबारियों को नाकों तले चना चबवा रही हैं। आंदोलन कर रही महिलाएं कहती हैं कि शराब के प्रतिकूल प्रभावों की भुगतभोगी महिलाएं ही अधिक होती हैं।​शराब बंदी के समर्थन व शराब दुकानों के विरोध में राजस्थान में महिलाएं सड़कों पर | New India Timesराजस्थान के चपे-चपे पर शराब बंदी की मांग को लेकर रैलियां व सभाएं हो रही हैं, वहीं करीब करीब सभी आवासीय बस्ती व मोहल्लों में खुलने वाली शराब दुकानों के विरोध में महिलाओं का धरना – प्रदर्शन व अनेक जगह हिंसक प्रदर्शन के साथ साथ शराब दुकानों में तोड़फोड़ करके उनको वहां से हटाने के लिये महिलाएं हिंसक रुप भी धारण करने से चूक नही रही हैं। हालांकि इन शराब बंदी समर्थक महिलाओं को एकजुट करने में पुनम व अंकूर छाबड़ा कोशिश तो कर रही हैं लेकिन ढंग से इस आंदोलन को गति व नेतृत्व देने में अभी तक कोई मजबूत नेतृत्व प्रदेश स्तर पर उभर कर सामने नहीं पाया है। प्रदेश में लॉटरी से निकली अधिकांश दुकानें डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रुप से प्रदेश के दबंग व माफिया एवं सियासी लोगों से सम्बंधित बताये जाते हैं जो जोर जबरदस्ती व दबंगई से इन महिलाओं को अपने स्तर पर या मुकदमों मे फंसाने की कोशिश भी हर समय करते हैं लेकिन महिलाओं के दिल में उपज रहा ज्वालामुखी विरोध के आगे इनका हर पाशा फेल होता जा रहा है। निमका थाना के गावों में महिलाएं दिन रात पहरा देकर दुकान खोलने देने से रोकने में कामयाब हुई हैं, तो उदयपुर वाटी के जमात इलाके में शराब कारोबारियों के देर रात शराब दुकान खोलने पर सुबह सुबह आंदोलनरत महिलाओं के झुंड ने शराब दुकान को नष्ट करके अपना जोहर दिखाकर दुकानदारों को दुकान हटाने पर मजबूर कर ही डाला है। यह दो नाम मात्र के उदाहरण है जबकि पुरे राजस्थान में शराब बंदी लागू करने के समर्थन में एवं खुल रही शराब दुकानों के खिलाफ महिलाएं हर जगह हर समय सड़क पर उतर चुकी हैं लेकिन इस आंदोलन को केन्द्रित करके ठोस नेतृत्व अभी तक ना मिलने से इस आंदोलन को वह गति नहीं मिल पाई है जो मिलनी चाहिये थी, यानि जो सरकार को झुका सके। 

कुल मिलाकर यह है कि राज्य सरकार को शराब बंदी लागू करने पर सोचना होगा वरना महिलाओं के दिलों में शराब के खिलाफ उठ रहे ज्वालामुखी का कभी भी बडा विस्फोट हो सकता है।


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By nit

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