राकेश यादव/त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री प्रशांतसागर जी, मुनि श्री निर्वेगसागर जी, मुनि श्री विमलसागर जी, मुनि श्री अनंतसागर जी, मुनि श्री धर्मसागर जी, मुनि श्री अचलसागर जी, मुनि श्री भावसागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री देवानंदसागर जी महाराज के सानिध्य में पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव का समापन हुआ। यह महोत्सव गीतांजलि कॉलोनी, माणिकचंद पेट्रोल पंप के सामने चल रहा था। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, आरती, प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।
प्रातःकाल पात्रशुद्धि, अभिषेक, शांतिधारा, नित्यमय पूजन हुई। प्रातःकाल प्रभु का मोक्षगमन निर्वाण प्राप्ति हुआ। मोक्ष कल्याणक पूजन, मुनिश्री निर्वेगसागर जी का प्रवचन, विश्वशान्ति महायज्ञ पूर्णाहुति हवन एवं विसर्जन हुआ। दोपहर में त्रयगजरथ की सातफेरी हुई, अभिषेक, आभार प्रदर्शन, मुनिश्री का प्रवचन हुआ। तत्पश्चात श्रीजी का विहार, श्रीजी स्थापना, पूजन हुआ।
इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए प्रातःकाल की बेला में मुनि श्री निर्वेग सागर जी ने कहा कि, इस पंचकल्याणक की समापन वेला में हम चर्चा कर रहे हैं कि प्रभु ने मोक्ष प्राप्त कर लिया है। प्रत्येक प्राणी अपने जीवन को सुख, शांतिमय बनाना चाहता है। उन्होंने असंयम से हटकर संयम को धारण किया, जिसके कारण प्रभु ने निर्वाण प्राप्त कर लिया; अब प्रभु सिद्धलोक में पहुंच गए, भगवान ने सिद्ध अवस्था प्राप्त कर ली। आप करते कम हैं, सोचते ज्यादा है। जो वर्तमान में रहना प्रारंभ कर देता है, उसका टेंशन, (सिरदर्द) ठीक हो जाता है। दीर्घ श्वास लेना और छोड़ना इसको प्राणायाम कहा है। जिसने वर्तमान में जीना नहीं सीखा आगे क्या करेगा।
गजरथ परिक्रमा के बाद शाम की बेला में मुनिश्री विमलसागर जी ने कहा कि, ऐसा होता है गुरु का आशीर्वाद कि उजड़ा हुआ वीरान हो जाता है आबाद। गुरु की महिमा अपरंपार है। जो भी होता है उनके आशीर्वाद से होता है। गुरुदेव बुंदेलखंड पधारे तो लोगों ने कहा, यहां एक तीर्थ क्षेत्र है, तब आचार्यश्री ने कहा कि, पूरा बुंदेलखण्ड एक तीर्थ क्षेत्र है। जो बुंदेलखंड के व्यक्ति दान करते हैं वह चेतन रत्नों का दान करते हैं , जो अन्य क्षेत्र के व्यक्ति उतना नहीं करते हैं। पंचकल्याणक महोत्सव का समापन हुआ। जैसे व्रतों का उद्यापन होता है वैसे ही यह गजरथ फेरी होती है। मंत्री हर्ष यादव कह रहे हैं कि, एक पंचकल्याणक और हो, ध्वजारोहण में मंत्री जी नहीं थे। बड़े महाराज एवं अनुज महाराज का सहयोग रहा और यह पंचकल्याणक संपन्न हुआ। मंत्री जी ने भी सात परिक्रमा लगाई। मुनिश्री प्रशांतसागर जी ने कहा कि, यह पंचकल्याणक सानंद संपन्न हुआ। इसका श्रेय आचार्यश्री विद्यासागर जी को जाता है, इसके बाद मुनि विमलसागर जी, मुनि अनंतसागर जी, मुनि धर्मसागर जी, मुनि अचलसागर जी, मुनि भावसागर जी को जाता है। श्रेय तो इन पांचों महाराजों का है। हम तो आ गए थे। मौसम ने भी साथ दिया। प्रतिष्ठाचार्य भी कार्यक्रम के बाद चले जाते हैं। प्रशासन का भी अच्छा सहयोग रहा। मंत्री हर्ष यादव आष्टा आए थे। नाम हर्ष है। 6 दिन तक आपको थ्योरी बताई गई। विधानसभा भी नेता के लिए धर्म की प्रयोगशाला है। जेल में भी रात्रि भोजन नहीं दिया जाता है। जिन शासन की प्रभावना हो रही है।सभी ने भक्ति भाव से नृत्य करके प्रभु की अर्चना की । इसी के साथ प्रतिदिन मंगलाचरण,चित्र अनावरण ,शास्त्र अर्पण, श्रीफल अर्पण आदि किये गए। भगवान को प्रातः निर्वाण की प्राप्ति हुई। दोपहर में गजरथ परिक्रमा में रथ आगे चल रहे थे, उनमें पंचकल्याणक के महापात्र सौधर्म इंद्र, भगवान के माता-पिता के पात्र, कुबेर, महायज्ञनायक, राजा श्रेयांश राजा सोम, भरत चक्रवर्ती, बाहुबली, ईशान इंद्र आदि बैठे हुए थे। मुनि श्री चल रहे थे। दिव्य घोष चल रहे थे। हाथी चल रहे थे। इंद्र इंद्राणी चल रहे थे। ब्रह्मचारी एवं ब्रह्मचारिणी चल रही थी। राजस्थान उदयपुर का प्रसिद्ध बैंड भजन की प्रस्तुति देते हुए चल रहा था। बेगमगंज का दिव्य घोष चल रहा था। भारत के कई नगरों से आए हुए श्रद्धालु इस दृश्य को निहारते हुए भाव विभोर हो रहे थे।ब्रह्मचारी विनय भैया जी (बण्डा) ने कहा कि मुनि श्री विमलसागर जी जहाँ जाते हैं आचार्य श्री जी भी आ जाते हैं। वह माला फेरते रहते हैं उससे पुण्य बढ़ता है और कार्य हो जाते हैं।गजरथ फेरी के महोत्सव में मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री माननीय हर्ष यादव जी उपस्थित हुए एवं वह कई घंटे प्यास को सहन करते हुए बैठे रहे एवं उन्होंने सात परिक्रमा मुनि संघ के साथ लगाई और समाज के सभी कार्यकर्ताओं का करीब 40- 50 मिनट तक सम्मान करते रहे।
उन्होंने उद्बोधन में कहा कि मुझ जैसे छोटे से प्राणी के कारण यह पंचकल्याणक संपन्न हुआ है। मैं बहुत छोटा था, तब से आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की सेवा करने बीना बारह जाता था। कम समय में बहुत बड़ा आयोजन हुआ हम कृतार्थ है। ऐसे पल हमारी विधानसभा में आते रहें। हम सभी भाई चारे के साथ आगे बढ़े। जो अभी ज्ञापन दिया गया है मैं आपकी भावना मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी के पास पहुंचा दूंगा। विदिशा हमारा क्षेत्र है। यह जो ज्ञापन आया है इस कार्य को रोकने का प्रयास करूंगा। गौशाला और हथकरघा के बारे में अधिक प्रयास करूंगा। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की भावना को आगे बढ़ाता रहूंगा। आचार्य श्री जी की कृपा पहले से है, उससे और ज्यादा हो।
साथ ही साथ देवरी क्षेत्र के एसडीएम अनुविभागीय अधिकारी आर के पटैल जी, थाना प्रभारी श्रीमान रामेश्वर ठाकुर जी उपस्थित रहे।
कलशारोहण करने का सौभाग्य श्रीमती शोभा नायक इंजीनियर संजीव नायक श्रीष नायक परिवार को प्राप्त हुआ।ध्वजा स्थापित करने का सौभाग्य करेली थाना प्रभारी अनिल सिंघई एवं उनके परिवार को प्राप्त हुआ।फेरी में जैन समाज अध्यक्ष अभय पारस, पंचकल्याणक समिति अध्यक्ष रजनीश जैन, कार्यकारी अध्यक्ष अनिल सिनेमा, महामंत्री जयकुमार, नवयुवक मंडल अध्यक्ष गौरव पांडे, विद्याविहार मंदिर अध्यक्ष प्रमोद कोठारी अमन मोदी,संजय पारस, नीरज जैन, जीतू सिनेमा ,दीपक सार्थक,साकेत,आयुष,धीरू,विनोद सिंगपुर, विवेक,प्रमोद सिगपुर,आशीष जैन,अप्पू चौधरी,सन्दीप सिनेमा,कलू चौधरी,राहुल,गुनी,मुकेश मौजूद रहे।
मंच संचालन संजय जैन शिक्षक पटवारी ने किया।
21 फरवरी 2020 गुरुवार को प्रातः 7 बजे से श्रीजी का विहार पंचकल्याणक स्थल से बड़े मंदिर की ओर मुनि संघ के साथ होगा। इसके बाद स्थापना, अभिषेक, शांतिधारा, पूजन,आचार्यश्री जी की पूजन, मुनि श्री के आशीर्वचन होंगे।
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