ताहिर मिर्ज़ा, उमरखेड़/यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT:
पूरे देश में सभी ओर मोदी सरकार द्वारा लागू किये गए CAA व प्रस्तावित एनपीआर व एनआरसी के विरोध में आंदोलन शुरू है। इसी मुद्दे को लेकर दिल्ली के शाहीनबाग में महिलाओं के द्वारा लगभग 50 दिनों से लगातार आंदोलन किया जा रहा है। जिसको मॉडल मानते हुए देश भर में छोटे बड़े शहरों में देखते-देखते लगभग 2 हज़ार शाहीनबाग़ बन गए हैं। उसी तरह महाराष्ट्र के यवतमाल ज़िले में दिल्ली के शाहीनबाग़ की तर्ज़ पर महिलाओं द्वारा तीन अलग-अलग शहरों में धरना आंदोलन शुरू है जिसमें, यवतमाल, पुसद, दिग्र्स शामिल हैं लेकिन न सब की नज़र ज़िले के सबसे जागृत तहसील उमरखेड़ पर टिकी हुई थी। जहां देश के कोने कोने में भाजपा सरकार की ओर से संविधान विरोधी क़ानून CAA लाए जाने के बाद से आंदोलनों की शुरुआत हुई वहीं इस आंदोलन में उमरखेड़ कहीं पिछड़ा हुवा नज़र अरहा था हालांकि उमरखेड़ की पहचान जागृत शहर के तौर पर की जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए NRC-CAA-NPR के विरोध में अपना आक्रोश जताने और अपना विरोध सरकार तक पहुंचाने के लिए उमरखेड़ के गफ़ूर शाह मैदान नादेड रोड पर शाहीनबाग़ की तर्ज़ पर उमरखेड़ में भी CAA, NRC, NPR के विरोध में बनाई गई संघटना कुल जमाती मुत्तहिदा महाज़ के सौजन्य ने सोमवार सुबहा 10 बजे से अनिश्चितकालीन धरना-आंदोलन शुरू किया गया है जिसमें बड़ी संख्या में उपस्थित रहने की अपील कुल जमाती मुत्तहिदा महाज़ की ओर से की जा रही है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.