मकसूद अली, यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT; यवतमाल नगर परिषद में सीमावृद्धि के बाद शामिल हुए 8 ग्रामपंचायत क्षेत्रों में सफाई के लिए दो ट्रैक्टर लगाए गए जाने की झूठी रिपोर्ट बनाकर उसका बिल निकालने के मामले में 7 पार्षदों ने यवतमाल शहर पुलिस थाने में सीओ के खिलाफ शिकायत दी है। शिकायत में पैसों का गबन करना, किसी भी नगर परिषद क्षेत्र में ट्रैक्टर नहीं घूमने के बावजूद उसका बिल अदा करने जैसे आरोप लगाए गए हैं। इतना ही नहीं 35 सार्वजनिक छुट्टियों के दिन भी ट्रैक्टर नगर परिषद क्षेत्रों में घुमता रहा, ऐसा बताकर उसका भी लाखों का बिल निकाला गया है। जबकि संबंधित क्षेत्रों के पार्षदों और नगर परिषद के सभापतियों को इसकी जानकारी भी नहीं है। क्योंकि इन ट्रैक्टरों पर संबंधित ग्रामपंचायतों के सफाई कर्मचारियों को काम करना था, मगर किसी भी कर्मचारी ने ऐसे ट्रैक्टर पर काम न करने के बारे में जानकारी दी है। इन सभी क्षेत्रों के निवासियों द्वारा पूछताछ करने पर भी किसी भी क्षेत्र में ट्रैक्टर नहीं घुमने की जानकारी मिली है। यह ठेका नगर परिषद के सीओ सुदाम धुपे ने ठेकेदार विजय वानखडे के साथ 12 सितंबर 2016 को किया था। इसकी शुरुवात 13 सितंबर से अगले आदेश तक रहेंगी, ऐसा बताया गया है। इस ठेके गवाह के रूप में फिर प्रविण प्रजापति का नाम आया है। इससे पहले भी ग्रामपंचायत क्षेत्रों में ऐसे घरों का टैक्स जिन्होंने कभी ग्रामपंचायत में भरा नहीं, उनकी संपत्तियों की गिनती करवाने के स्थान पर सभी संपत्तियों की गिनती करवाकर पौने पांच करोड का ठेका दिलवाया गया था।उसमें भी प्रविण प्रजापति का नाम आया था। इस ठेके में वडगांव, भोसा, पिंपलगांव, वाघापुर, मोहा, लोहारा आदी क्षेत्रों में 2 ट्रैक्टर डीजेल खर्च के साथ प्रति दिन 3 हजार रुपए के हिसाब से दिए गए थे। इसमें सितंबर माह में 16 दिन के 51 हजार, अक्तूबर माह में 90 हजार, नवंबर में 90 हजार, दिसंबर में 90 हजार, जनवरी में 90 हजार, फरवरी में 90 हजार, मार्च में 90 हजार ऐसे बिल निकाले गए हैं। इन सभी माह में 35 दिन की सार्वजनिक छुट्टियां आई हैं, उसका भी 1.05 लाख रुपए का बिल निकाला गया है। इसी के चलते 7 पार्षदों ने शिकायत दी है। इसमें नियोजन सभापति सुजीत राय , चंद्रभागा दिलीप मडावी, शिक्षा सभापति किर्ती संतोष राऊत, महिला बाल कल्याण की उपसभापति रिता गजानन धावतोडे, नीता राजेश इसालकर, सपना संजय लंगोटे और नितिन मिर्झापूरे का समावेश है. इसमें 3 लोगों के खिलाफ आरोप किए गए है। उसमें नगर परिषद के सीओ सुदाम धुपे, ठेकेदार विजय लक्ष्मण वानखडे और स्वास्थ्य निरीक्षक पडसकर शामिल है। सीओ और पडसकर के खिलाफ पैसे का गबन का तो ठेकेदार के खिलाफ मिलीभगत कर अपहार करने का मामला दर्ज करने की मांग की गई है। यही शिकायत जिलाधिकारी सचिंद्र प्रताप सिंह को भी दी गई है। जिलाधिकारी भ्रष्ट्राचार निर्मूलन समिति के पदसिद्ध अध्यक्ष हैं, उन्होंने इस मामले में जांच करने के निर्देश दिए हैं।
- मैं मुकादम नहीं: सीओ,
इस मामले में जब शिकायतकर्ता द्वारा ट्रैक्टर उनके ग्रामपंचायत क्षेत्र में नहीं आने की बात सीओ को बताई गई तो उन्होंने दो टूक शब्दों में मैं मुकादम नहीं हूँ, सफाई मेरा काम नहीं है, ऐसा बोलकर हाथ झटक लिए। जबकि संबंधित ग्रामपंचायत क्षेत्रों में उन्हें 8 दिन घुमाकर कचरे के ढेर कैसे पढे है, नालियां कैसी भरी पडी हुई हैं आदि बताया गया था। मगर अब हालत उससे भी बदत्तर है। इससे सफाई अभियान की पोल खुल गई है। इस मामले में आठों ग्रामपंचायत क्षेत्रों के ग्रामवासी नगर परिषद क्षेत्र में शामिल होकर पछता रहें है। क्योंकि जबसे नगर परिषद क्षेत्र में उनका घर गया है, तब से सफाई नहीं हो रही है। शिकायत करने के बावजूद सफाई कर्मी या ट्रैक्टर दिखाई नहीं दे रहा है।
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