कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; महाराष्ट्र के किसानों की क़र्ज़ माफ़ी के लिए आज बुलढाणा ज़िले के मातृतीर्थ सिंदखेड राजा से विरोधी दलों की ओर से संयुक्त रूप से संघर्ष यात्रा के दूसरे चरण का शुभारंभ हुआ। सिंदखेड राजा से निकल कर यह यात्रा चिखली से होते हुए बुलढाणा पहुंची, जहां पर जनसभा का आयोजन किया गया था। इस सभा को संबोधित करते हुए विरोधी दल के नेताओं ने जम कर बरसते हुए झुटे आश्वासन देकर सत्ता भोगने वाली राज्य सरकार पर जालसाज़ी का अपराध दर्ज किये जाने की मांग की।इस संघर्ष यात्रा में शामिल विरोधी दल के कांग्रेस, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, रिपाई कवाडे, शेतकरी कामगार पक्ष के नेतागण राधाकृष्ण विखे पाटिल, अजित पवार, अबूआसिम आज़मी, जोगेन्द्र कवाडे, मानिकराव ठाकरे, अ.सत्तार, जितेंद्र आव्हाड, राहुल बोंद्रे, हर्षवर्धन सपकाल, राजेश टोपे, श्रीमती यशोमती ठाकुर, प्रकाश गजभिये, परवीन गायकवाड़, डॉ.राजेन्द्र शिंगणे, एड.नाज़ेर क़ाज़ी, एड.गणेश पाटिल, संजय राठोड़, शाम उमालकर, आसिफ शेख, सहित अन्य गणमान्य मंच पर मौजूद थे। बुलढाणा के सहकार विद्या मंदिर के सभागृह में आयोजित सभा का प्रस्ताविक कांग्रेस जिलाध्यक्ष एंव विधायक राहुल बोंद्रे ने तथा स्वागत भाषण पुर्व मंत्री डॉ.राजेन्द्र शिंगणे ने किया। शेकाप के परवीन गायकवाड़ ने कहा कि राज्य में लाखों की संख्या में मराठा, दलित, मुस्लिम, धनगर मूक मोर्चे निकले किन्तु राज्य शासन के कानों तक आवाज़ नहीं पहुंची। सरकार बहेरी है, हम ने किसानों की क़र्ज़ माफ़ी के लिए संघर्ष यात्रा निकाली है। यदि अब भी सरकार नहीं जागी तो आइंदा किसानों के मोर्चे निकलेंगे जो “मूक” नहीं बोलने वाले होंगे। रिपाई के अध्यक्ष जोगेन्द्र कवाडे ने कहा कि आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, तामिलनाडु सहित कई राज्यों में किसानों का क़र्ज़ माफ़ कर दिया गया किन्तु हमारे मुख्यमन्त्री फडणवीस योग्य समय का इंतज़ार कर रहे हैं और इधर आए दिन किसान आत्महत्या कर रहे है। एक तरफ राज्य सरकार ने उद्योगपतियों के साढे आठ लाख करोड़ का क़र्ज़ माफ़ कर दिया जबकि किसानों का केवल 30 हज़ार 5 सौ करोड़ का क़र्ज़ माफ़ नहीं किया जा रहा है। यूपी में योगी ने 15 दिन के भीतर किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया और फडणवीस कहे रहे हैं कि हम उसका अभ्यास करेंगे, यह बड़ी शर्मनाक बात है इस राज्य के लिए। समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आज़मी ने कहा कि किसानों की क़र्ज़ माफ़ी के लिए सभी विरोधी दल मिलकर संघर्ष कर रहे हैं लेकिन राज्य सरकार चुप है, आखिर महाराष्ट्र के किसानों ने कौनसी गलती की है जो उन्हें कर्जमाफ़ी नहीं मिल रही है? इस सरकार ने किसानों को क़र्ज़ माफ़ी देने का झुटा आश्वासन देकर सत्ता हासिल की है जो अब अपना आश्वासन पूरा करने से कतरा रही है। इस झूटी फड़नवीस सरकार पर धोखाधडी का अपराध दर्ज करने की भी मांग आज़मी ने की। राकांपा के जयंत पाटिल ने संबोधित करते हुए कहा कि अब तक राज्य में 9 हज़ार से भी अधिम किसानों ने आत्महत्या की है। बुलढाणा ज़िले के खामगांव निवासी राज्य के कृषिमंत्री व बुलढाणा के पालकमंत्री पांडुरंग फुंडकर पर हमला करते हुए कहा की कृषि मंत्री के ज़िले के 165 किसानों ने आत्महत्या की है, इसी से यह पता चलता है कि राज्य की हालत कितनी गंभीर है? राज्य सरकार जल्द कर्जमाफ करे और सब से पहले विदर्भ के किसानों को इसका लाभ दिया जाए। मानिकराव ठाकरे ने भी राज्य सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि आज किसानों की हलत ठीक नहीं है, यह राज्य सरकार केवल किसानों का तमाशा देख रही है।
इस सभा में बड़ी संख्या में ज़िले भर से किसान और सभी विरोधी दलों के कार्यकर्ता शामिल थे। सभा के समापण के बाद सभी नेता जलगांव खानदेश की दिशा में रवाना हो गए।
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