रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:झाबुआ नगर के मुस्लिम समुदाय ने एनआरसी व सीएए का विरोध करते हुए एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है।
जुमे की नमाज़ के बाद ढाई बजे से हुसैनी चौक पर धरना दिया। प्रशासन ने धारा 144 के बाद भी शांति पूर्ण धरने की स्वीकृति दी थी। दोपहर 3 बजे कलेक्टर के पहुंचने पर समाज जन ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सीएए व एनआरसी को पूर्ण रूप से अस्वीकार करने की बात कही गई है।
ज्ञापन का वाचन करते हुए पंचायत सदर गफूर भाई शेख ने कहा कि भारत में धर्म, जाति, लिंग, संस्कृति और समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करने की बात संविधान में लिखी है लेकिन नये कानून में उसका खुला उल्लंघन है। इसलिए स्वतंत्रता, समानता और सौहार्द भारतीय संविधान की 3 मूलभूत प्रतिबद्धता है जो कि देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान है। नागरिक संशोधन कानून और प्रस्तावित एनआरसी देश के लिए बहुत बड़े वर्ग से वादाखिलाफी और उनकी स्वतंत्रता का हनन है जो उनके बीच असमानता का भाव पैदा करता है और हो सकता है कि इससे देश दो बड़े समुदायों के बीच सौहार्द खत्म होने का खतरा पैदा हो जाए। सरकार इस कानून को लागू करने में जल्दबाजी कर रही है।
सरकार ने संसदीय समिति की रिपोर्ट में दर्ज वजनदार आपत्तियों और इसके विरोध को अनदेखा किया है इसलिए शहर के तमाम मुस्लिम भारतवासी ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि इस गैर एवं असंवैधानिक अधिनियम को रद्द किया जाए।
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