Edited by Maqsood Ali; नागपुर, NIT; अमरावती जिले के अचलपुर से विधायक बच्चू कडू द्वारा निकाली जा रही आसूड यानि चाबुक यात्रा मंगलवार से शुरू हुई। नागपुर से शुरू यह यात्रा 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहनगर वड़नगर में संपन्न होगी। सीएम टू पीएम तक किसानों ,सैनिकों और दिव्यांगों की मांग पहुंचाने के लिए विधायक इस यात्रा पर निकले हैं। इस यात्रा में किसानों से जुड़े शेतकरी संगठन ,भूमिपुत्र और बलिराजा संगठन के ही साथ देश भर के बड़े किसान नेता और उनसे जुड़े संगठन के प्रतिनिधि इस यात्रा में भाग लेंगे।
आंदोलन के जरिये सरकार के समक्ष रखी गयी मांगे:-
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को तत्काल प्रभाव से लागू करना
- फसलों पर लगी निर्यात बंदी को हटाना
- दिव्यांग और विधवा महिलाओं को हर महीने पांच हज़ार रूपए का मानधन देना
- सैनिकों के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओ को प्रभावी रूप से लागू करना शामिल है।
यात्रा निकाल रहे विधायक बच्चू कडू के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता और किसानों से किया गया वादा अब तक पूरा नहीं किया है। जब उनकी पार्टी विपक्ष में थी तब उनकी पार्टी ने सोयाबीन को 6 हजार रूपए का मानधन देने की वकालत की थी पर अब जब राज्य में उनके पार्टी की सरकार है तो 3 हजार का भाव दिया जा रहा है। नागपुर से निकली इस यात्रा को करीब 50 संगठनों ने अपना समर्थन दिया है और 3 हजार से ज्यादा किसान इसमें शामिल होंगे। अपने अनोखे और विवादस्पद आंदोलन के लिए पहचाने जाने वाले विधायक बच्चू कडु ने इस यात्रा को चाबुक यात्रा का नाम दिया है। यह यात्रा नागपुर से वर्धा ,यवतमाल , नांदेड़ ,परभणी ,बीड ,लातूर ,उस्मानाबाद ,सोलापुर ,सांगली ,कोल्हापुर ,सतारा ,पुणे ,अहमदनगर ,औरंगाबाद ,नाशिक ,धुले ,नंदुरबार होते हुए गुजरात के सूरत ,अहमदाबाद इलाकों का भ्रमण कर प्रधानमंत्री के गृहनगर वड़नगर 21 अप्रैल को पहुंचेगी।
किसानों के लिए कर्ज मुक्ति की मांग इन दिनों जोर पकड़ रही है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किसानों का कर्ज माफ़ करने का फैसला लिए जाने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार पर दबाव बढ़ाया जा रहा है। इससे पहले विपक्षी दल के विधिमंडल सदस्य किसानों के लिए संघर्ष यात्रा निकाल चुके है।
वड़नगर पहुंचने के बाद 1000 विधवा महिलाएं और किसान रक्तदान भी करेंगे। कडु के मुताबिक महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज के स्वावलंबन के लिए प्रभावी कार्य किया है इसलिए उनकी जयंती के दिन ही इस यात्रा की शुरुवात की जा रही है।
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