महाराष्ट्र के धुले में मुस्लिम संगठनों के बैनर तले नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर किया गया विरोध-प्रदर्शन | New India Times

अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:महाराष्ट्र के धुले में मुस्लिम संगठनों के बैनर तले नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर किया गया विरोध-प्रदर्शन | New India Times

नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) का विरोध अब उत्तर महाराष्ट्र के धुलिया से प्रारंभ हो गया है। शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों के बैनर तले इस विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर लोगों ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया।

जमात-ए-उलेमा हिंद के बैनर तले हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि यह विधेयक हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा कर रहा है।

महाराष्ट्र के धुले में मुस्लिम संगठनों के बैनर तले नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर किया गया विरोध-प्रदर्शन | New India Times

मौलवी गंज चौक से क्युमाइन क्लब कलेक्टर चौराहा तक निकाले गए इस जुलूस में दो हजार लोगों ने भाग लिया। शुक्रवार को मस्जिदों में जुमे की नमाज के बाद लोग इकट्ठे होकर इस विधेयक का विरोध करने सड़कों पर उतरे और हाथों में तख्तियां लेकर लोगों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इस दौरान हालांकि प्रशासन ने एहतियातन सुरक्षा के मद्देनजर पर्याप्त सुरक्षा बलों के इंतजाम किए थे।

महाराष्ट्र के धुले में मुस्लिम संगठनों के बैनर तले नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर किया गया विरोध-प्रदर्शन | New India Times

जमीयत -उलेमा-ए-हिन्द के धुलिया ज़िला अध्यक्ष मौलाना सैयद कासिम जिलानी ने कहा कि यह बिल भारत की धार्मिक एकता को सांप्रदायिक आधार पर बांटता है। जबकि संविधान के अनुच्छेद 14 में देश के हर नागरिक को समानता का अधिकार दिया गया है। यह अधिकार बताता है कि किसी भी नागरिक के साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। लेकिन मौजूदा बिल धार्मिक आधार पर कुछ वर्गों को भारत की नागरिकता देने और मुसलमानों को न देने की बात करता है।

जिलानी ने कहा कि इस बिल के बाद मुसलानों के लिए राष्ट्रीय नागरिकता हासिल करने में परेशानी आएगी जिसका वे हर स्तर पर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि यह बिल राज्यसभा से न पास हो, इसके लिए उन्होंने कई राजनीतिक दलों से सम्पर्क किया था। लेकिन कई दलों ने अपने सेकुलर सिद्धातों के साथ समझौता कर लिया जिसके कारण केंद्र सरकार यह बिल राज्यसभा में आसानी से पास करवा पाई। उन्होंने इसे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया है। जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बिल को निरस्त करने की गुहार लगाई है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading