भोपाल में चार दिनों से चल रहा आलमी तब्लीगी इज्तिमा का दुनिया में अमन व चैन के लिए सामूहिक दुआ के साथ हुआ समापन | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

भोपाल में चार दिनों से चल रहा आलमी तब्लीगी इज्तिमा का दुनिया में अमन व चैन के लिए सामूहिक दुआ के साथ हुआ समापन | New India Times

भोपाल में इज्तिमे की शुरुआत 70 साल पहले नवाबी दौर में हुई थी। पहले एक मस्जिद में मौलाना मिस्कीन साहब ने इसकी नींव रखी थी। पहली बार उनके साथ 14 लोग जुटे थे। उसके बाद ताजुल मस्जिद में इसका आयोजन होने लगा। साल-दर-साल लोगों की आस्था बढ़ने लगी और इसमें शिरकत करने वालों में कई देशों के लोग भी जुड़ने लगे। शिरकत करने वालों की संख्या इतनी बढ़ी की ताजुल मस्जिद परिसर और उसके आसपास की जमीन भी कम पड़ने लगी। दस साल पहले इसे यहां से 15 किमी दूर ईंटखेड़ी स्थित घासीपुरा में शिफ्ट कर दिया गया। इस साल आलमी तब्लीगी इज्तिमा 22 नवंबर को फजर के बाद शुरू हुआ था।
भोपाल के सबसे बड़े मज़हबी समागम में करीब 35 देशों की जमातें इस बार आयीं। 22 नवम्बर से शुरु हुआ चार दिवसीय आलमी तब्लीगी इज्तिमा का आज आखिरी दिन था। आख़िरी दिन दुनिया में अमन-चैन के लिए सामूहिक दुआ की गयी। चार दिन तक लगातार धार्मिक तकरीरें हुईं। इसमें इस्लाम में बताए पैग़ाम के मुताबिक ज़िंदगी जीने की राह लोगों को बतायी गयी।भोपाल में चार दिनों से चल रहा आलमी तब्लीगी इज्तिमा का दुनिया में अमन व चैन के लिए सामूहिक दुआ के साथ हुआ समापन | New India Times

इज्तिमा के लिए शासन-प्रशासन ने व्यापक इंतज़ाम किए थे। जमातों की रवानगी के लिए 12 स्पेशल ट्रेन चलाई गईं। 23 ट्रेनों में एक्सट्रा बोगी लगाई गईं। आरटीओ की तरफ से जमातों के लिए 400 बसें उपलब्ध करायी गयीं। भीड़ को देखते हुए आयोजन स्थल के आस पास के रूट डायवर्ट कर दिए गए थे। सरकारी संस्थाओं में आधे दिन की छुट्टी घोषित की गई। सुरक्षा के लिहाज़ से आखिरी दिन पुलिस बल भी बढ़ा दिया गया था। 10 हज़ार की जगह 15 हज़ार पुलिस जवान और 35 हज़ार की जगह 45 हज़ार वॉलेंटियर तैनात किए गए थे।

इज्तिमा के लिए शासन-प्रशासन हर साल व्यापक स्तर पर इंतज़ाम करता है। इस बार भी यहां चार लेयर में सुरक्षा बैठायी गयी थी। पूरे इज्तिमा स्थल पर 200 सीसीटीवी कैमरे और चार हज़ार जवान लगाए गए थे। सुरक्षा व्यवस्था को A-B-C-D में बांटा गया था इसमें होमगार्ड्स, लोकल पुलिस, आरएएफ, एसएएफ तैनात रहे। इन चारों ने मिलकर बाहरी और आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था संभाली। इज्तिमा स्थल पर बम डिस्पोजल स्क्वायड और डॉग स्क्वायड तैनात रहे।
इज्तिमा में आने वाली जमाअतों के लिए पार्किंग के भी व्यापक इंतज़ाम किए गए थे। दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों के लिए अलग पार्किंग व्यवस्था थी। पूरे आयोजन के दौरान एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड तैनात रही। पहली बार इज्तिमा को टोल फ्री किया गया था।


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