अब्दूल वहीद काकर, धुलिया ( महाराष्ट्र ), NIT; धुलिया महानगरपालिका में ठेकेदार से मिलीभगत कर एक ही कंपनी को लगातार पांच बार टेंडर पास कर भ्रष्टाचार करने का आरोप एक समाजिक संगठन ने लगाते हुए राज्य नगर विकास सचिव से लिखित शिकायत की है।
धुले महानगरपालिका में पार्षद, अभियंता और ठेकेदारों के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने की मांग को ले कर एक शिकायती पत्र धुलिया के नगरी मंच ने राज्य के नगर विकास सचिव को दिया है। जिसमें धुलिया महानगर निगम की कार्या शैली और भ्रष्टचार के बारे में बताया गया है। नगर निगम में ठेका देने की प्रक्रिया पूरी तरह आनलाइन कर दी गयी है ताकि फर्जीवाड़े पर अंकुश लगे, लेकिन धुलिया महानगरपालिका में ऐसा होता दिख नहीं रहा है।निर्धारित आनलाइन ई टेंडर द्वारा वार्ड क्रमाक 19 में विकास कार्य के लिए एक ही ठेकेदार को लगातार पांच बार आनलाइन ई टेंडर मंजूर होकर गायत्री कंट्रक्शन को कैसे मिला? इस प्रकार के अनेक उदहारण महानगर निगम में पार्षद ठेकेदार और इंजिनियर की मिली भगत से शहर में बहुत से विकास कार्यो में फर्जीवाड़े हो रहा है, जिसकी उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच करने पर पार्षद और ठेकेदारों के भ्रष्टाचार उजागर हो सकते हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि महानगरपालिका लोकनिर्माण विभाग में अनेक पार्षद, ठेकेदार, निज़ी इंजीनियर बिना किसी की इजाज़त से तिज़ोरी मे रखे गोपनीय दस्तावेज निकाल कर अवलोकन करते हैं जो कि गैर कानूनी और अपराध है। शहर में अनेक स्थानों पर विकास कार्ये शुरू है किंतु पार्षद और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण टेंडर प्रक्रिया के कानून, करार के अनुसार ठेकेदार कार्य नहीं करता है। जिसका ताजा उदाहरण प्रभाग क्रमाक 19 में सम्राट नगर में देखा जा सकता है। ओपन स्पेस दीवार की संरक्षक दीवार नक़्शे मे 16500 चौरस फ़िट है किंतु दीवार निर्माण कार्य के बाद इस जमीन का रकबा केवल 12500 चौरस फिट आ रहा है। इस बात से साफ़ दिखाई देता है कि धुलिया महा नगर निगम में पार्षद और ठेकेदारों की मिली भगत से लोक निर्माण कार्य में बहुत ही बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जिसकी तुरंत उच्च स्तरीय पर एक समिति गठित कर जांच होनी चाहिए। नगर निगम परिसर के दफ्तरों में निजी ठेकेदार, इंजीनियर और पार्षदों के प्रवेश पर पाबंदी होनी चाहिए, इस प्रकार की मांग जनहित नागरी मंच के सचिन सोनवणे ने महाराष्ट् राज्य के नगर विकास सचिव से ज्ञापन द्वारा की है । फर्जीवाड़े पर अंकुश और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई न होने पर जन आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
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