वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
15 सितंबर 2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खमरिया ईसानगर में पल्स पोलियो कार्यक्रम का शुभारम्भ अधीक्षक डॉ बी के स्नेही ने एक बच्चे को पोलियो की दवा पिलाकर शुरू किया।
अधीक्षक ने बताया कि हमारे ब्लॉक में 120 बूथ बनाये गए हैं, दिनाँक 16 सितम्बर से घर घर का कार्यक्रम शुरु होगा। इस के लिए 80 टीमें लगाई गई हैं। 7 ट्रांजिट टीम और 4 मोबाइल टीम लगाई गई है। कुल मिलाकर 91 टीमें लगी हैं। 25 सुपरविजेर और 4 सेक्टर सुपरविजेर लगाए गए हैं। पूरे ब्लॉक में 5 साल तक के करीब 52500 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। आज पूरे ब्लॉक में पल्स पोलियो बूथ कार्यक्रम का सुभारम्भ हो गया। आज करीब 21000 बच्चों ने दवा बूथ पर पी है। घर घर का कार्यक्रम 16 सितंबर से 20 सितंबर 2019 तक चलेगा। ये कार्यक्रम 23 सितंबर 2019 को बी टीम के साथ सम्पन्न होगा। सभी सम्मानित अभिभावकों से निवेदन है कि अपने 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की दवा 2 बूंद अवश्य पिलायें। आज डॉ आर बी गुप्ता ने लाखुन सेक्टर ओर डॉ एम एल सुमन ने पड़री सेक्टर में बूथों का निरीक्षण किया और डब्ल्यु एच ओ मोनिटर दीप त्रिवेदी ने पूरे ब्लॉक का निरीक्षण किया।बीपीएम राहुल कुमार और बी सी पी एम के के राव द्वारा भी सुपरविजेर विजिट की गई।आज सभी ए एन एम ने बूथो पर काम किया।डॉ स्नेही ने सभी से अपील की है कि आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि अपने घरों और आस पास रहने बाले 0 से 5 साल तक के समस्त बच्चों को पोलियो की खुराक 2 बूंद अवस्य बूथ पर भेजकर पिलवायें।ओर देश को पोलियो मुक्त भारत बनाने में अपना सहयोग करे। पल्स पोलियो अभियान के बारे में डॉ स्नेही ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य असेंबली संकल्पना वर्ष 1988 के बाद पोलियो उन्मूलन की वैश्विक पहल का पालन करते हुए भारत ने वर्ष 1995 में पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत की गयी थी। शून्य से पांच वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय टीकाकरण चरण के दौरान (उच्च ज़ोखिम के क्षेत्रों में) हर वर्ष पोलियो की ख़ुराक (दो बूंदे) दी गयी। प्रत्येक राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (एनआईडी) के दौरान लगभग 172 मिलियन बच्चों ने टीकाकरण प्राप्त किया।देश में अंतिम पोलियो के मामले की सूचना 13 जनवरी वर्ष 2011 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से मिली थी। इसके बाद देश में कोई पोलियो का मामला (25 मई वर्ष 2012 तक) नहीं मिला है। डब्ल्यूएचओ ने 24 फरवरी वर्ष 2012 को भारत को सक्रिय स्थानिक पोलियो वायरस संचारण वाले देशों की सूची से हटा दिया।पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत ओरल पोलियो वैक्सीन के तहत सौ प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के उद्देश्य से की गयी थी। इसका उद्देश्य सामाजिक जुड़ाव तथा जिन क्षेत्रों में पोलियो वायरस समाप्त हो गया है, उन क्षेत्रों में उन्मूलन संचालन की योजनाओं के माध्यम से बच्चों का टीकाकरण करना तथा जनता में उच्च स्तर के मनोबल को बनाए रखना है।
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