गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
इन दिनों अकबरपुर रेलवे स्टेशन टॉप टेन पर जा रही है, कुलियों की मनमानी वसूली शिकायतें आने के बावजूद भी अकबरपुर रेलवे अधीक्षक आंखें बंद किए बैठे हैं जिससे रेलवे स्टेशन पर कुलियों की दादागिरी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
यात्रियों को डिब्बे में पहुंचाने के बाद होती है मनमानी वसूली, आंखें बंद करके बैठे हैं रेलवे अधिकारी
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले केंद्र की भाजपा सरकार चाहे कुछ भी कहे लेकिन जब तक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को उस समय तक नहीं निभाते जब तक कि कुछ नजराना न चढ़ाई जाए। इस लिए भ्रष्टाचार को खत्म करना आसान नहीं है। शायद यही कारण है कि अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर कुलियों की दादागिरी कायम है और रेलवे के अधिकारी भी कुलियों पर पूरी तरह मेहरबान हैं। ये ही कारण है कि अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर नियम व कायदों को ताक पर रखते हुए कुली नियम के विरुद्ध कार्य करते हैं और लोगों को डिब्बे में चढ़ाने के नाम पर भी वसूली करते हैं और हद तो तब हो जाती है तक यात्रियों को चढ़ाने के लिए अवैध तरीकों का प्रयोग होता है और रेलवे अधीक्षक जयप्रकाश द्वारा किसी भी कुली के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते।
रविवार को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-2 पर सामान पहुंचाने के लिए कुली ने 70 रुपए की जगह 200 रुपए की मांग की शिकायतकर्ता ने जब रेलवे अधीक्षक से शिकायत की तो उन्होंने कुली को नसीहत देकर छोड़ दिया और कहा कि बिल्ला जमा करवा लूंगा।
एक तरफ जहां लोग भीड़भाड़ वाली ट्रेन के रुकने के बाद दरवाजे के रास्ते से अंदर जाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ कुलियों ने नियमों को ताक रखते हुए शॉर्टकट तरीका अपना लिया। कुलियों ने लोगों को उठाकर एमरजेंसी खिड़की से अंदर धकेलना शुरू कर दिया। सुरक्षा व स्टेशन पर व्यवस्थाएं बनाने व कानून की पालना करने की जिम्मेदारी देख रहे रेलवे प्रशासन मौन है।
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