फराज अंसारी, लखनऊ ( यूपी ), NIT; बहराइच जिला अस्पताल के एसीएमओ के फार्म हाउस पर छापेमारी में 50 से अधिक जिंदा गाय-बछडों और जमीन की खुदाई में 50 गायों की लाशें मिलने से खलबली मच गई है।
बहराइच जिला अस्पताल के एसीएमओ डाॅ जेएन मिश्रा का फार्म हाउस बहराइच-लखनऊ मार्ग स्थित मरौचा गांव के पास है। प्रशासन को सूचना मिली थी कि एसीएमओ के फार्म हाउस में कुछ गायों को मारकर दफना दिया गया है। सूचना मिलने पर अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश त्रिपाठी और एसडीएम कैसरगंज अमिताभ यादव की अगुवाई में पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम ने फार्म हाउस पर छापेमारी की।एसीएमओ जेएन मिश्रा के फार्म हाउस पर 50 गायों के शव जमीन से निकलने से हड़कंप मचा हुआ है। शुक्रवार देर शाम प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापेमारी की थी। छापेमारी में फार्म हाउस में बांधकर रखीं गईं 50 जिंदा गायें व बछड़े भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि एसीएमओ गौरक्षा के नाम पर पशु क्रूरता का ये खेल चला रहे थे। फिलहाल, फार्म हाउस को सीज कर दिया गया है। आसपास पुलिस की तैनाती की गई है। मौके पर टीम को आयुर्वेदिक दवाओं के पैकेट, कैप्सूल और टैबलेट भी बरामद हुई है। यहां अवैध रूप से आयुर्वेदिक दवा बनाई जा रही थी। टीम ने आशंका जताई है कि आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए गायों की हत्या की गई और शवों को दफनाया गया है। खुदाई कर गायों के शवों को निकाला गया है। पोस्टमार्टम के बाद अभी और खुलासा होने की संभावना है। इस मामले में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज कर लिया गया है।
एएसपी दिनेश त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि छापेमारी के दौरान फार्म हाउस पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं मिला है। सभी कर्मचारी फरार होएगए हैं। इस मामले में बुबकापुर निवासी स्वामी महाराज की तहरीर पर फखरपुर थाने में डा. जेएन मिश्रा के खिलाफ पशुक्रूरता अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया गया है।
अभी तक जेएन मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, इससे लोगों में खासा आक्रोश दिखाई दे रहा है। वहीं, आरोपी फार्म हाउस मालिक एडिशनल सीएमओ डा जे. एन. मिश्रा का कहना है कि उन्होंने नौ बछियों से गौशाला की शुरुआत की थी और मकसद गौ सेवा था, लेकिन चारे पानी से तंग आकर ग्रामीण अपनी कमजोर और बीमार गायों को फार्म हाउस पर बांध जाते थे जिनकी सेवा करना भी उनकी जिम्मनेदारी बन गई थी। उन्होंने कहा कि हमनें अपनी क्षमता के मुताबिक उनकी सेवा की लेकिन जब उनकी मौत हो गई तो उन्हें फार्म हाउस में दफना दिया गया। उनका कहना है कि उन्होंने गायों से कोई लाभ नहीं कमाया है।
उपजिलाधिकारी अमिताभ यादव ने मीडिया को बताया कि छापेमारी के दौरान कुछ जिंदा गाय बरामद हुई हैं। आसपास के ग्रामीणों की मदद से इनके लिए चारे की व्यवस्था की जा रही है। पशु चिकित्सा विभाग की टीम जांच में लगी हुई है। पोस्टमार्टम के बाद मौत के बारे में पता चल सकेगा।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बलवंत सिंह ने मीडिया को बताया कि फार्म हाउस पर कुछ दवाओं के पैकेट, पाउडर और गोलियां बरामद हुई हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि मृत गायों से आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण किया जा रहा था। इसकी जांच के लिए दवाओं के सैंपल को विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ और मथुरा में भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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