पवन परूथी/गुलशन परूथी, उज्जैन (मप्र), NIT:
श्रम विभाग द्वारा सर्वे के दौरान नानाखेड़ा उज्जैन स्थित रेस्टोरेंट में कूक का काम करते हुए दो बाल श्रमिकों का नियोजित होना पाया गया। बाल श्रम अधिनियम की धारा-3, 12 के तहत नियोजक के विरूद्ध श्रम निरीक्षक श्री महेन्द्रसिंह ठाकुर एवं श्री आदित्यप्रतापसिंह गौड़ द्वारा प्रकरण दर्ज किया गया। श्रम विभाग के निरीक्षकों के द्वारा महाकाल मन्दिर, गोपाल मन्दिर, छोटा सराफा, केडी गेट, चामुण्डा माता चौराहा आदि क्षेत्रों में बाल श्रम उन्मूलन सर्वे किया गया तथा नियोजकों को मप्र दुकान स्थापना अधिनियम में निहित प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक दुकान एवं व्यावसायिक संस्थान सप्ताह में एक दिन बन्द रखने की समझाईश देते हुए गुमाश्ता कानून के अन्तर्गत पंजीयन करवाने के निर्देश दिये गये। श्रम निरीक्षकों द्वारा बताया गया कि कोई भी व्यक्ति, जो 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखता है तो उसे कम से कम छह माह एवं अधिकतम दो साल की जेल की सजा हो सकती है। साथ ही 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस आशय की जानकारी सहायक श्रमायुक्त ने दी।
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