कासिम खलील, बुलढाणा ( महाराष्ट्र ), NIT; बुलढाणा शहर से 3 किमी दुरी पर स्थित राजीव गांधी मिलेट्री स्कूल के 5वीं के11 वर्षीय छात्र निव्रुत्ति शालीकराम चनडोल के हाथ में पेन्सिल सेल फट जाने से घायल हो गया था जिसका उपचार के दौरा मुंबई के जे.जे.अस्पताल में मौत हो गई है। इस घटना के लिए स्कूल प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराते हुए मृतक के परिजन शव लेकर स्कूल में पहुंच कर जम कर हंगामा किया।
मिली जानकारी के अनुसार राजीव गांधी मिलेट्री स्कूल में 28 मार्च को शाम 5.30 बजे के करीब छात्र निव्रुत्ति चनडोल हॉस्टल में अपने बेड पर पैंसिल सेल को घस रहा था तभी सेल ब्लास्ट हो गया जिससे छात्र की आँख फूट गई तथा सीने और पेट में भी जख्म लगी। गंभीर रूप से घायल छात्र को बुलढाणा के एक निजी अस्पताल में दाखिल किया गया लेकिन छात्र की हालत को देखते हुए उसे मुंबई के जे.जे.अस्पताल में दाखिल किया गया जहां उसकी मौत हो गई। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद बुलढाणा शहर के थानेदार अंबादास हिवाले स्कूल में पहुंचे और घटना का पंचनामा किया और कुछ उन छात्रों के बयान भी दर्ज किये जो घटना के समय हॉल में मौजूद थे।
लाश का पोस्टमार्टम मुंबई में किये जाने के बाद आज 30 मार्च को सुबह 9 बजे शव मूल गांव जनुना में लाया गया किंतु अंतिमविधी के लिए राजीवगांधी स्कूल के मुख्यध्यापक और शालाध्यक्ष जैसे ज़िम्मेदार लोग नहीं पहुंचने के कारण परिजन व ग्रामस्थ गुस्से में आ गए और शव को लेकर 12 बजे सिधे स्कूल में पहुंच गए जहां पहले से ही एसडीपीओ बी.बी.महामुनी, शहर थानेदार अंबादास हिवाले कडे पुलिस बंदोबस्त के साथ मौजूद थे। यहां 2 घन्टे ग्रामस्थ व पुलिस प्रशासन के बीच चर्चा चली और दोषियों पर कार्रवाई किये जाने के आश्वासन पर शव को वापस ले जाया गया। मृत छात्र आदिवासी समाज का था।
बुलढाणा तहसिल अंतर्गत ग्राम जनुना निवासी शालिकराम चनडोल मजदूरी करते हैं। मृत छात्र निव्रुत्ति चनडोल परिवार में उनकी एकलौता पुत्र था। दरअसल शालिकराम ने पहेली शादी की तो उन्हें दो लड़कियां पैदा हुईं, पुत्र की चाह में उन्होंने दूसरी शादी की किन्तु कोई सन्तान नहीं हुई। कहते है ना “भगवान के घर देर है अंधेर नहीं” इसी कहावत के मुताबिक़ करीब 12 साल के बाद शालिकराम को पहली पत्नी से ही पुत्र निव्रुत्ति पैदा हुआ जिसे घर में बड़ा प्यार किया जाता था।
भले ही राजीव गांधी स्कूल प्रशासन इस पेन्सिल सेल का धमाका बता रहा है मगर इस बात को मृत छात्र के पिता शालिकराम ने सिरे से खारिज करते हुए बताया कि निव्रुत्ति का घटना से एक दिन पहले झगड़ा किसी छात्र से हुआ था जिसने उसे धमकी दी थी। इसी दिशा में पुलिस जांच की मांग शालिकराम कर रहे है।
राजीव गांधी मिलेट्री स्कूल का नाम ज़िले की उमदा शालाओं में शामिल होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों का यहां दाखिला कराने के लिए उत्सुक रहते हैं। निव्रुत्ति के साथ जो घटना घटी जिसमें उसकी जान चली गई। आज स्कूल में हुए हंगामे के समय जब हॉस्टेल का मुआयना किया गया तो पता चला कि स्कूल और हॉस्टेल में सीसीटीवी कैमरे स्कूल प्रशासन द्वारा लगाए ज़रूर गए थे किन्तु आज अधिकांश कैमरे बन्द अवस्था में हैं। निव्रुत्ति के हॉल में के भी कैमरे बन्द मिले हैं, यदि ये कैमरे शुरू होते तो ज़रूर इस घटना की सच्चाई सब के सामने होती।स्कूल प्रशासन इसे भले ही पेन्सिल सेल का धमाका बता रहा है किन्तु इस से कई प्रश्न वहां पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों के मन में खड़े हो रहे है कि क्या एक छोटे सेल के धमाके से जान जा सकती है? घटना के समय हॉस्टेल का वार्डेन या हॉल बॉय कहां था? नियम के अनुसार किसी भी घटना के बाद बुलढाणा के पेशंट को सीधे मुंबई नहीं बल्कि अकोला रेफर किया जाता है तो फिर इस छात्र को सीधे मुंबई के जे.जे.अस्पताल में क्यों ले जाया गया? जब छात्र का उपचार मुंबई में ही करवाना था तो उसे किसी बड़े निजी अस्पताल में लेजाना चाहिए था ना कि सरकारी जे.जे.अस्पताल में। इन सभी मुद्दों को देखते हुए पुलिस द्वारा इस घटना की बारीकी से जांच होना ज़रूरी समझा जा रहा है ताकि अभिभावकों में फ़ैल रही संभर्मता दूर हो और स्कूल की छवि बरकरार रहे।
इस घटना के विषय में पूछे जाने पर राजीव गांधी मिल्ट्री स्कूल के मुख्याध्यापक रविंद्र पडघान ने पत्रकारों को बताया कि मृत छात्र निव्रुत्ति चनडोल पेन्सिल सेल को घस रहा था जिसके कारण सेल का धमाका हो गया और छात्र बुरी तरह से ज़ख़्मी हुआ जिसे बुलढाणा और फिर मुंबई के अस्पताल में दाखिल किया गया जहां उसकी मौत हो गई।
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