वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
जवाहर नवोदय विद्यालय में संस्कृत भाषा को तृतीय भाषा के रुप में स्थापित करने के लिए प्रयासरत उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ने नवोदय समिति के संयुक्त तत्वावधान सरल संस्कृत संभाषण योजना के अंतर्गत संस्कृत वाग्व्यवहार कार्यशाला का आयोजन 1 अगस्त से 31 अगस्त तक प्रदेश के समस्त जवाहर नवोदय विद्यालय में कराया। इसी श्रृंखला में लखीमपुर खीरी जिले के मितौली ब्लॉक में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में 1 अगस्त से संस्कृत वाग्-व्यवहार कार्यशाला का संचालन उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की प्रशिक्षिका मीना कुमारी के द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यशाला का समापन 31अगस्त शनिवार को किया गया। कार्यशाला के दौरान कक्षा 6 से 9 तक के छात्रों ने प्रतिभाग किया। जिनमें अधिकांश छात्रों ने संस्कृत विषय के रूप में पढ़ने की रूचि व्यक्त की। समापन का शुभारंभ विद्यालय की प्रधानाचार्या अनीता कुमारी एवं उपप्राचार्य प्रमोद कुमार शुक्ला ने दीप प्रज्वलित कर किया।प्रशिक्षिका मीना कुमारी ने बताया कि सरकार द्वारा नई पहल करते हुए 33 वर्ष बाद प्रदेश के सभी नवोदय विद्यालय में छात्रों को संस्कृत भाषा के प्रति के प्रति रुचि उत्पन्न करने के लिए एक महीने की संस्कृत वाग्-व्यवहार कार्यशाला का संचालन किया । साथ ही कम से कम 15 छात्रों में रुचि उत्पन्न के बाद तीसरी भाषा की रुप में लागू करने के निर्देश दिए गए थे । जिसके लिए विद्यालय में कार्यशाला का संचालन किया गया ।इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बृजभूषण पाठक ने बताया कि संस्कृत भाषा के द्वारा ही संस्कारों को पुनर्जीवित किया जा सकता है। विशिष्टातिथि डॉ अरविंद पाण्डेय ने बताया कि संस्कृत भाषा को विषय के रूप में लाने का यह प्रयास अत्यंत उत्तम है, यदि ऐसे ही प्रयास होते रहें तो जल्द ही संस्कृत भाषा तृतीय भाषा के में हमारे समक्ष होगी । कार्यक्रम में छात्रों के द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिनमें अनुष्का एवं उमंग ने अपना परिचय संस्कृत भाषा में दिया। रुद्र प्रताप एवं आशीष ने संस्कृत वंदना तथा संस्कृत गीत व लघु नाटिका आदि प्रस्तुत किए। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं छात्र व छात्राएं उपस्थित रहीं।
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