सरवर खान ज़रीवाला, इंदौर, NIT; मिली जानकारी के अनुसार संगीता मालवीय नामक महिला है जो भाग्यश्री कालोनी, विजय नगर इंदौर की रहने वाली है को उसके पति ने छोड़ रखा है, वह घरों में चौका-बर्तन, झाड़ू-पौंछा का काम कर अपना और अपनी बेटी का गुजारा कर रही थी। इसी बीच उसके परिचित ममता यादव (आंटी), हलके यादव और मिश्रा (खंडवा) ने उससे कहा कि तुम कब तक बिना पति के इस तरह से जीवन गुजारोगी? अब बेटी भी बड़ी हो रही है। हम तुम्हारी अच्छी जगह शादी करवा देते हैं, जहां तुम्हें और तुम्हारी बेटी को आसरा मिल जाएगा। कुछ दिनों बाद उसे एक युवक की फोटो दिखाई जिसे देख कर उसने शादी के लिए हां कह दी। अपनी बेटी को मायके छोड़कर उनके साथ इंदौर से छतरपुर चली गई, जहां से 24 नवंबर को बिजावर के गांव संग्रामपुरा लाया गया। 25 नवंबर को संगीता की शादी कराने के लिए उसके रिश्तेदार गांव लेकर आए थे। जहाँ लडके छन्नू के पिता ने 1.60 लाख रुपए भी दिए। इसकी नोटरी भी कराई गई। दूसरे दिन विधिवत शादी करनी थी। रिश्तेदार संगीता को छोड़कर चले गए थे। छन्नू उम्रदराज और दिव्यांग था। इस कारण शादी से इंकार किया तो वह दबाव बनाने लगे। जब उसने छन्नू के साथ रहने से इंकार किया तो वह कहने लगा कि वह कुछ महीने बाद उसे दोबारा बेच देगा। इससे वह डर गई। बिजावर बाजार में आने के बाद वह लघुशंका के बहाने से भागने लगी लेकिन छन्नू ने देख लिया तो वह वहां खड़ी पुलिस जीप में बैठ गई और पुलिसकर्मियों को आपबीती सुनाई।पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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