फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की एक और काली करतूत बहराइच मेडिकल कॉलेज से सामने आई है। यहाँ महिला अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही का आलम तो देखिये की एक प्रसूता प्रसव पीड़ा से तड़पती रही लेकिन इन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। परिजन डॉ से इलाज की गुहार लगाते रहे लेकिन बेदर्द डॉक्टरों ने एक न सुनी। दर्द बढ़ता गया और आखिर में परिजनों ने खुद महिला हॉस्पिटल के गेट पर ही चादर तान कर आवारा जानवरों के बीच प्रसव करवाया तो आनन फानन में हॉस्पिटल स्टाफ ने महिला को भर्ती कर हॉस्पिटल के अंदर ले गए।
बहराइच मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हो गई। धरती के भगवानों द्वारा मानवता को तार तार कर दिया गया। मामला महिला अस्पताल का है। आपको बता दें की बीती रात थाना रामगांव निवासी महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल ले कर गए। प्रसव पीड़ा बढ़ जाने के कारण परिजनों ने डॉक्टरों से महिला को देखने की बात कही लेकिन बेदर्द डॉक्टर अपनी सीट से उठने तक को तैयार नहीं हुए। महिला की बिगड़ती हालत को देखते हुए परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर ही उसे लिटा दिया और डॉक्टरों से इलाज की गुहार लगाने लगे, उधर महिला की हालत बिगड़ने लगी तो साथ में आये परिजनो ने हॉस्पिटल गेट पर ही चादर तान कर महिला का प्रसव करवाया। गेट पर एक महिला गंदे सुवरो के बीच में बच्चे को जन्म देती रही लेकिन आराम पसंद डॉक्टरों ने बाहर आकर हाल लेना तक गवारा नहीं समझा।
जब महिला ने गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया तो आनन फानन में महिला को हॉस्पिटल स्टाफ ने भर्ती कर लिया और हॉस्पिटल के भीतर ले गए। इस मामले पर सीएमएस डीके सिंह जांच करवाकर कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। बताते चलें कि अभी कुछ दिन पहले इमरजेंसी गेट पर इलाज के इंतज़ार में सड़क पर पड़े पड़े एक वृद्ध ने दम तोड़ दिया था जिसमें आजतक स्वास्थ्य महकमे की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है अब एक और जांच होने जा रही है लेकिन नतीजा शून्य ही निकल कर आना है ऐसे में साफ़ है की प्रदेश की योगी सरकार भले ही सुशासन की बातें करती हो लेकिन अस्पतालों में ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.